निर्भया के सभी आरोपियों को तिहाड़ के जेल नंबर तीन में बने फांसीघर में ही फांसी दी जाएगी। उस फांसीघर की गहराई 15 फीट है और उसकी चौड़ाई 10 फीट के करीब है। जेल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि एक शख्स को फांसी देने के लिए महज़ दो फीट जगह की जरूरत होती है। ऐसे में फांसीघर की चौड़ाई इतनी है कि आसानी से एक साथ चारों आरोपियों को फांसी दी जा सकती है।
दिल्ली गैंगरेप के सभी दोषियों की फांसी की सजा पर अमल को लेकर इन दिनों गहमा-गहमी बहुत तेज़ हो गयी है। फांसी के फंदे को लेकर दूसरे राज्यों से बातचीत की जा रही है। जल्लाद को लेकर भी जेल प्रशासन अपनी तरफ से कदम उठा रहा है। दोषियों को जल्द ही फांसी के फंदे पर चढ़ाया जा सकता है। लेकिन क्या चार लोगों को एक साथ फांसी हो सकती है?
चारों आरोपियों को एक साथ ही फांसी दी जा सकती है। अब तक आजाद भारत के इतिहास में एक साथ चार लोगों को फांसी देने की कोई मिसाल नहीं है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या एक साथ चार लोगों को फांसी दी जा सकती है। क्या फांसीघर में इतनी जगह होती है कि ऐसा कर पाना आसान है। क्योंकि फांसीघर की चौड़ाई महज़ 10 फीट होती है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को फांसी देने के लिए कितने फीट जगह की जरूरत होगी।
16 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 6 लोगों ने ‘निर्भया’ (23) के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था। सामूहिक दुष्कर्म इतना विभीत्स था कि इससे देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था, और सरकार ने दुष्कर्म संबंधी कानून और सख्त किए थे। 6 दुष्कर्म दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया। एक दोषी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी।