जानिए एक जून से चलने वाली स्‍पेशल ट्रेनों में आरएसी और वेटिंग टिकट का क्‍या होगा

प्रवासियों और सामान्‍य लोगों के आवागमन को लेकर रेल और गृह मंत्रालय की शनिवार को संयुक्‍त प्रेस काफ्रेंस आयोजित हुई। इस मौके पर गृह मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव पुण्‍य सलिला श्रीवास्‍तव ने कहा कि अब तक 2600 से अधिक विशेष ट्रेनें चली हैं, 35 लाख से अधिक प्रवासियों ने इन ट्रेनों का लाभ उठाया है। Shramik special trains की संख्या अब प्रतिदिन 200 से अधिक हो गई है। 1 जून से रेलवे और भी स्पेशल ट्रेन चलाएगा, जिसके लिए 14 लाख बुकिंग हो चुकी हैं।


रेलवे बोर्ड के अध्‍यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि भारतीय रेलवे एक मई को Shramik special trains शुरू की गई। सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रेनों और स्टेशनों में शारीरिक दूरी और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। 80% ट्रेन यात्राएं उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों द्वारा की गई हैं।


1 जून से 200 और स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला

उन्‍होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए 1 जून से 200 और स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया गया है। कुछ स्‍पेशल ट्रेनों में बर्थ की क्षमता का महज 30 फीसद ही बुकिंग हुई है, हालांकि कुछ ट्रेनों में 100 फीसद सीटें बुक हो चुकी हैं। अभी भी 190 ट्रेनों की उपलब्धता है। इस दौरान शिकायत आ रही थीं कि श्रमिक भाई बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए टिकट काउंटर खोलने का भी फैसला किया गया। उन्‍होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए जो ट्रेनें चलाई जा रही हैं, वे राज्य सरकार के समन्वय के साथ चलाई जा रही हैं। अगर जरूरत पड़ी तो 10 दिन के बाद भी ट्रेनें शेड्यूल की जाएंगी।

वेटिंग लिस्‍ट की व्‍यवस्‍था इसलिए की गई

उन्‍होंने कहा कि वेटिंग लिस्ट इसलिए दिया क्योंकि पहले ट्रेनों में देखा गया कि कुछ लोग ट्रेन खुलने के वक्त टिकट कैंसल कर रहे थे। अब वेटिंग लिस्ट की व्यवस्था होने के कारण कैंसल टिकटों से खाली बर्थ को बाकी लोगों से भरा जाएगा।

क्‍या होगा आरएसी टिकट का

उन्‍होंने कहा कि हमने सिर्फ कंफर्म टिकट से ही यात्रा की अनुमति दी है। साथ ही एनरूट टिकट बिल्कुल मना किया है। रास्ते में किसी यात्री को चढ़ने की अनुमति नहीं है, इसलिए आरएसी टिकट के कंफर्म होने की पूरी संभावना है।


10 दिनों में 2600 ट्रेनें चलाने का शेड्यूल

उन्‍होंने कहा कि भारतीय रेल और राज्य सरकारों ने मिलकर अगले 10 दिनों के लिए एक शेड्यूल बनाया है और 2600 ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसमें 36 लाख यात्री सफर कर पाएंगे। अगर किसी भी स्टेशन से ज्यादा संख्या में प्रवासी अपने घर जाना चाहेंगे तो उनके लिए भी ट्रेन सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि अधिकांश ट्रेनों को उत्‍तर प्रदेश, बिहार, मध्‍य प्रदेश, झारखंड के लिए चलाया गया। पश्चिम बंगाल के लिए काफी कम ट्रेनें चलाईं गईं। उन्होंने सिर्फ 105 ट्रेनों के लिए अनुमति दी।


नहीं बढ़ाए गए टिकट के दाम

विनोद कुमार यादव ने कहा कि Lockdown से पहले जो टिकट का मूल्‍य था, आज भी वही है। किसी टिकट पर एक भी पैसा ज्यादा नहीं लिया जा रहा है। Lockdown से पहले कुछ छूटों पर रोक लगा दी गई थी, वही व्यवस्था आज भी लागू है।

पश्चिम बंगाल के लिए Shramik special trains का संचालन रोका गया

उन्‍होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तूफान की वजह से नुकसान हुआ है। मुख्‍य सचिव ने कहा है कि जब यथा स्थिति बहाली का काम हो जाएगा तो जानकारी देंगे और इसके बाद ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि एक अप्रैल से 22 मई तक मालगाड़ी आवागमन से 9.7 मिलियन टन खाद्यान्न की डिलीवरी सुनिश्चित की। 22 मार्च से 3,255 पार्सल स्पेशल ट्रेनें का संचालन किया गया है।

विनोद कुमार यादव ने कहा कि हमने 5,000 रेल कोच को 80,000 बिस्तरों वाले COVID केयर सेंटर के रूप में बदल दिया था। चूंकि इनमें से कुछ का अभी उपयोग नहीं किया जा रहा था इसलिए हमने इनमें से 50 फीसद कोचों को श्रमिक विशेष ट्रेनों के लिए इस्तेमाल किया। जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से Coronavirus के मरीजों के देखभाल के लिए उपयोग किया जाएगा।

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