Coronavirus पूरी दुनिया में अपना पैर पसार चुका है। देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, इसे रोकने के लिये देश में Lockdown लागू कर दिया गया है। Lockdown से उपजे आर्थिक तनाव के बीच मोदी सरकार ने मंत्रियों को अपनी सैलरी के कुछ हिस्से को डोनेट करने के लिए कहने के बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी को काटने का फैसला किया है। कोरोना वायरस संकट में बीते दिनों सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30% की कटौती के बाद अब केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों से एक दिन की सैलरी डोनेट करने के लिए कहा गया है। केंद्र सरकार ने अपील की है।
कर्मचारी अपनी एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में ट्रांसफर करें। बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी से काटी गई राशि को प्रधानमंत्री सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (पीएम केयर्स फंड) में डाला जाएगा। राजस्व विभाग को भेजे गए सर्रकुलर में सरकार ने कहा है कि उसने विभाग के अफसरों और कर्मचारियों से अपील करने का फैसला किया है कि वे मार्च 2021 तक हर महीने अपने एक दिन की सैलरी को पीएम केयर्स फंड में योगदान दें। कोरोना संकट और Lockdown के बीच केंद्र को आर्थिक मदद की दरकार है।
कर्मचारियों की वेतन में कटौती अप्रैल 2020 की सैलरी में से की जाएगी, जिसका मई में भुगतान होना है। सर्कुलर में अपील की गई है कि कर्मचारियों से मई 2021 तक हर महीने एक दिन की सैलरी पीएम केयर्स फंड में दाने की अपील की गयी है। हालांकि सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी को इस अपील पर आपत्ति है तो वह सूचना राजस्व विभाग के ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर को लिखित में सूचित कर सकता है। सूचना देते वक्त अपना इम्पलॉय कोड भी साथ में लिखना होगा।
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी अफसर या कर्मचारी को इससे आपत्ति होगी, तो वह राजस्व विभाग के ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग ऑफिसर को इस बारे में सूचित कर सकते हैं। उन्हें 20 अप्रैल 2020 तक इसे लिखित में अपने इंप्लॉयी कोड का उल्लेख करते हुए बताना होगा। वहीं, दूसरे विभागों के कर्मचारी (उन्हें छोड़कर जो एक्टिव तौर पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं), उन्हें भी अपनी एक दिन की सैलरी का योगदान फंड में करना पड़ सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हैं।