दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक बार फिर से सुनवाई शुरू की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर उसने प्रदूषण को कम करने के क्या काम किए हैं। यही नहीं बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा, ‘समस्या यह है कि लोगों की बहुत अपेक्षाएं हैं कि कोर्ट काम कर रही है और सरकार कोई काम नहीं कर रही है। कुछ अखबारों की खबर है कि कोर्ट की ओर से उठाए गए कदमों के बाद पलूशन में 40 फीसदी की कमी आई है। हमें यह पता नहीं कि यह कितना सही है।’
अदालत ने कहा कि अब मजदूरों ने हमसे संपर्क किया है कि निर्माण कार्य शुरू होना चाहिए। कल किसान हमसे मांग करेंगे कि उन्हें पराली जलाने की परमिशन दी जाए। कोर्ट ने कहा कि भले ही प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ है, लेकिन हम इस मामले को बंद नहीं करने वाले हैं। हम इस पर सुनवाई जारी रखेंगे। इसके साथ ही अदालत ने मामले को स्थगित करते हुए सोमवार को अगली सुनवाई करने का फैसला लिया है। बेंच की अगुवाई कर रहे चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा, ‘भले ही पलूशन का लेवल कम हुआ है, लेकिन हम इस मामले को बंद नहीं करेंगे।’
उन्होंने कहा कि हम आगे भी आदेश देना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम हर दिन या फिर हर दूसरे इस पर सुनवाई करेंगे। इसके साथ ही अदालत ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि फिलहाल यह 381 है और आपने जो 290 का आंकड़ा दिया है, वह सही नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कोई बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। भले ही अभी प्रदूषण कुछ कम हो गया है, लेकिन यह फिर से गंभीर स्थिति में पहुंच सकता है। इसे कम करने के लिए अगले दो से तीन दिनों में कदम उठाएं। अब अदालत ने दिल्ली में लगातार जारी प्रदूषण पर सोमवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है।