GST में कई बड़े बदलाव आने वाले हैं, जिनमें हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी बड़ा फायदा हो सकता है. सरकार जीएसटी की दरों को आसान और तर्कसंगत बनाने की तैयारी कर रही है. इसी बीच GST परिषद के एक विशेष मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से पूरी तरह छूट दे दी जाए. अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया, तो आम लोगों को इस टैक्स के बोझ से बड़ी राहत मिल सकती है.
क्या है GST 2.0 रिफॉर्म?
GST 2.0 रिफॉर्म का मकसद देश के GST सिस्टम को और बेहतर, आसान और सभी के लिए फायदेमंद बनाना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस सुधार से खासकर किसानों, मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों को फायदा होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस रिफॉर्म को दिवाली का तोहफा बताया था.
हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर क्या होगा बदलाव?
अभी तक हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगती है. लेकिन मंत्री समूह ने यह सुझाव दिया है कि इसे पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दिया जाए. इसका मतलब होगा कि अब बीमा पॉलिसी खरीदने पर आपको 18% कर नहीं देना पड़ेगा, जिससे प्रीमियम सस्ता होगा और ज्यादा लोग इसका लाभ उठा पाएंगे.
यह बैठक बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें इस छूट के पक्ष में मजबूत सहमति बनी. हालांकि, कुछ राज्यों को चिंता है कि इस छूट का लाभ बीमा कंपनियों से सीधे ग्राहकों तक पहुंचेगा या नहीं. क्योंकि बीमा कंपनियों को इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा. इस पर भी मंत्री समूह ने ध्यान दिया और जीएसटी परिषद से कहा है कि ऐसा कोई तरीका निकाला जाए जिससे यह फायदा आम जनता तक पहुंचे.
GST रिफॉर्म से क्या फायदा होगा?
इस सुधार के बाद टैक्स सिस्टम और ज्यादा सरल हो सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह बदलाव घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देंगे और देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगे. साथ ही उपभोक्ताओं को जरूरी वस्तुएं और सेवाएं आसानी से और कम दाम में मिल सकेंगी. अब आगे मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपेगा, जो सितंबर में मिलने वाली है. परिषद में राज्यों और केंद्र के मंत्री मिलकर अंतिम निर्णय लेंगे. दरों में बदलाव और छूट के फैसले इसी बैठक में लिए जाएंगे.