आखिर क्यों? महज 22 रुपये में बिकती अस्मत

नई दुनिया की तलाश ने हमें अपनी दुनिया से दूर कर दिया है। तब ही तो इस दुनिया में पेट की भूख को पूरा करने के लिए दूसरों के जिस्म की भूख मिटानी पड़ रही है। कीमत भी ऐसी कि मानव शरीर पाने का गर्व मुंह के बल धड़ाम हो जाए। महज 22 रुपये में मासूम लड़कियां खुद का सौदा करती हैं। जीने की चाह उन्हें रोज तिनका-तिनका मरने को मजबूर करती है। बता दें, ये हालात दक्षिण अफ्रीका के कई मुल्कों में हैं।

मीडिया के अनुसार, मानवीय आधार पर लोगों की मदद करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था वर्ल्ड विजन ने बताया कि अंगोला में महज 12 साल तक की लड़की करीब 30 रुपये में देह व्यापार कर रही है। इसके पीछे वजह भूख है, जो उसे देह व्यापार करने पर मजबूर कर रही है।

महज खाने का सामान जुटाने के लिए लड़कियां 22 रुपये में अपना शरीर दूसरों को सौंप रही हैं, किस्मत अच्छी हुई तो 70-80 रुपये भी मिल जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सूखा, बाढ़ और खराब आर्थिक हालात की वजह से दक्षिणी अफ्रीका में साढ़े चार करोड़ लोग भूख की समस्या झेल रहे हैं।

यही नहीं, वर्ल्ड विजन ने बताया कि उनके स्टाफ ने देखा कि अंगोला और जिम्बाव्बे में देह व्यापार करने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ी है, साथ ही बाल विवाह का खतरा भी बढ़ा है। यहां सेक्स के लिए लड़कियों को 29 रुपये से लेकर 72 रुपये तक मिल सकते हैं। पिछले एक साल में इस मुल्क में अनाज के दामों में दोगुना बढ़ोतरी हुई है, अगर जून से पहले फसल नहीं हुई तो हालात बद से बदतर होते जाएंगे।

जिम्बाब्वे में महज 14 साल तक की लड़कियां जीवन निर्वाह के लिए देह व्यापार कर रही हैं। केयर इंटरनेशनल संस्था की रिजनल जेंडर एक्सपर्ट एवरजॉय महुकु ने कहा कि कई बार इन लड़कियों को महज 22 रुपये ही मिलते हैं।

कई बार तो बिना मर्जी के भी लड़कियों को इस पेशे में ढकेल दिया जाता है। एक्शन एड के रिजनल एडवाइजर चिकोन्डी चबवुता ने बताया कि मलावी और मोजाम्बिक में भी लड़कियों और महिलाओं को देह व्यापार करने के लिए जबरन मजबूर किया जाता है।

अफ्रीका में इतने बदतर हालातों के पीछे क्लाइम चेंज एक वजह बताया जा रहा है। बताया गया कि अफ्रीका के कुछ हिस्सों में 1981 के बाद अब तक की सबसे कम बारिश हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इन सबके पीछे जलवायु परिवर्तन को एक मुख्य कारण माना है। जाम्बिया, मडागासकर, नामिबिया, लेसोथो और इस्वातिनी जैसे अफ्रीकी देशों में भी हालात ठीक नहीं हैं।

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