IPL में क्यों गंभीर नजर आए गौतम? क्या भारतीय कोच बनने की कर रहे थे तैयारी, एक तीर से साधे कई निशाने

India Head Coach Job: क्या गौतम गंभीर ने आईपीएल 2024 शुरू होने से पहले भारतीय कोच बनने की तैयारी शुरू कर दी थी. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि गंभीर का जिक्र होने पर जो बातें सबसे पहले जेहन में आती हैं, वो आईपीएल 2024 में बिलकुल नहीं दिखीं.

क्या गौतम गंभीर ने आईपीएल 2024 शुरू होने से पहले भारतीय कोच बनने की तैयारी शुरू कर दी थी. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि गंभीर का जिक्र होने पर जो बातें सबसे पहले जेहन में आती हैं, वो हैं उनका वर्ल्ड कप फाइनल में टॉप स्कोरर होना, केकेआर को आईपीएल चैंपियन बनाना और शाहिद अफरीदी से लेकर विराट कोहली तक मैदान पर किसी ना किसी से भिड़ जाना. जी हां, गंभीर का करियर का एनालिसिस कंट्रोवर्सी के बिना पूरा नहीं होती. लेकिन अगर आप आईपीएल 2024 की बात करेंगे तो इस बार गंभीर के नाम कोई कंट्रोवर्सी नहीं हैं. पहली बार ऐसा हुआ कि मैदान के भीतर कितनी भी गरमागरमी हो, डगआउट पर गौतम ‘गंभीर’ बने रहे.

लखनऊ से कोलकाता के सफर ने बहुत कुछ बदला

गौतम गंभीर जब कोलकाता नाइटराइडर्स के पास लौटे तो उन्होंने सिर्फ टीम को नई अप्रोच नहीं दी, बल्कि खुद भी पूरी तरह बदले नजर आए. ज्यादा पुरानी नहीं, सिर्फ एक साल पहले की बात कर लेते हैं. आईपीएल 2023 में जब गंभीर लखनऊ सुपरजायंट्स के मेंटोर थे तब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू से मुकाबले के दौरान एक विवाद हो गया. लखनऊ के अफगान पेसर नवीन उल हक और आरसीबी के विराट कोहली के बीच मैच के दौरान नोकझोंक हो गई. दो खिलाड़ियों के इस झगड़े पर बाहर बैठे गंभीर आपा खो बैठे. मैच खत्म होने पर वे बेहद गुस्से में विराट कोहली की ओर बढ़ चले. वह तो भला हो साथी खिलाड़ियों को, जो गंभीर को खींचकर ले गए और विवाद बढ़ने से बच गया.

धोनी की कप्तानी में ड्रॉप हुए गंभीर

और सिर्फ यही तो नहीं है. कोहली-कोहली नारे लगाने वालों गंभीर कथित तौर पर मिडिल फिंगर दिखा चुके हैं. वर्ल्ड कप 2011 और धोनी का जब भी जिक्र हुआ तो गंभीर ने हमेशा अपनी शिकायत दर्ज कराई. वे हर स्टेज पर बोलते रहे कि एक व्यक्ति को टीम से बड़ा बना दिया गया. इत्तफाक से गंभीर का करियर धोनी की कप्तानी में भी ढलान गया. इसके बाद जब उन्होंने वापसी की कोशिश की तो कप्तान विराट कोहली थे. उनकी वापसी की कोशिश नाकाम रही और अंत में उन्हें निराश होकर संन्यास लेना पड़ा. क्रिकेटफैंस का बड़ा वर्ग आज भी मानता है कि धोनी और विराट की आलोचना की गंभीर की एक वजह यह भी हैं, जिसे वह कभी स्वीकार नहीं कर सकते.

राणा के मसले पर नहीं दिया मीडिया को मसाला

खैर, जो गंभीर लखनऊ के अफगान पेसर के लिए अपने ‘टीममेट’ से भिड़ सकते हैं, वह केकेआर में आकर डगआउट में शांतचित्त बैठते हैं. ऐसा नहीं है कि केकेआर में रहते हुए ऐसी कोई बात नहीं हुई, जो गंभीर को उकसाने के लिए काफी नहीं थी. हर्षित राणा को फ्लाइंग किस कर सेंडऑफ देने पर लगा जुर्माना भी ‘पुराने गंभीर’ को भड़काने के लिए काफी होता. लेकिन केकेआर में लौटने के बाद गंभीर ने इस मामले पर ऐसा कोई रिएक्शन नहीं दिया, जिस पर मीडिया को मसाला मिलता.

पुरानी गलतफहमियों को भी दूर किया लेकिन सिर्फ यह नहीं है कि गौतम गंभीर ने अपने रिएक्शन पर कंट्रोल किया. वे अब मैदान की गरमागरमी पर रिएक्ट नहीं करते, बल्कि मैच खत्म होने और रिजल्ट आने का इंतजार करते हैं. इतना ही नहीं, गौटी ने विराट कोहली और एमएस धोनी को झप्पी डालकर उन जख्मों पर भी मरहम लगा दिया, जिसे दुनिया हर वक्त कुरेदने को बेताब रहती थी. गौटी से झप्पी पाने के बाद कोहली कहते भी हैं कि इससे कुछ लोगों के वो मसाला कम हो गया, जो वे मैदान या इसके बाहर ढूंढ़ते हैं.

एक साल के भीतर बदली छवि

कोई शक नहीं कि इस एक साल ने गंभीर की छवि में काफी तब्दीली लाई है. एक ओर उन्होंने केकेआर को फिर से चैंपियन बनाकर खुद को बेहतरीन मेंटोर साबित किया तो दूसरी ओर, विराट कोहली जैसे मौजूदा सितारा से ‘दोस्ती’ कर टीम इंडिया के लिए अपने दरवाजे भी खोल लिए हैं. क्रिकेटप्रेमी जानते हैं कि अब भारतीय क्रिकेट उस दौर में है, जहां कोच भी कप्तान की सहमति से ही बनते हैं. हम सबने देखा है कि कैसे अनिल कुंबले को बोर्ड तब भी कोच कायम नहीं रख पाया था जब सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की कमेटी ने इस पर सहमति दी थी. इन सबकी सहमति पर तत्कालीन कप्तान विराट कोहली की असहमति भारी पड़ी थी. ऐसे में यह मान लेना कि भारतीय टीम का नया कोच चुनते वक्त रोहित शर्मा से नहीं पूछा जाएगा, गलती ही होगी. टीम इंडिया में विराट और रोहित का अलग-अलग गुट प्रचारित करने वाले ट्रोलर से लेकर क्रिकेट के जानकार अच्छी तरह जानते हैं कि भारतीय टीम के ये दोनों दिग्गज एकदूसरे को जरूरत पड़ने पर किस कदर सपोर्ट करते हैं. जाहिर है गौतम गंभीर ने केकेआर को बतौर मेंटोर खिताब जिताकर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं. और यह अचानक नहीं हुआ है. गौतम ने इसके लिए पहले से ही गंभीर तैयारी की थी.

भारतीय कोच के लिए आवेदन की तारीख खत्म हो चुकी है. हालांकि, बीसीसीआई ने अभी यह नहीं बताया है कि इस पद के लिए किस-किसने अप्लाई किया है. लेकिन यकीन मानिए, जितने भी लोगों ने अप्लाई किया हो, गौतम से ज्यादा गंभीर आवेदक कोई नहीं होगा.

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