Ganesh Chaturthi 2025

Ganesh Chaturthi 2025: कब है गणेश चतुर्थीका आगमन? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 हर किसी को इसका बेसब्री से इंतजार है. हर साल लोग बप्पा का धूमधाम से स्वागत करते हैं, जिसे पूरे भारत में गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी या गणेश उत्सव के रूप में भी मनाते हैं. नाम अनेक लेकिन आस्था एक है.

गणेश चतुर्थी एक हिंदू पर्व, जो हाथी के सिर वाले देवता गणेश जी के जन्म का प्रतीक है. भगवान गणेश जिन्हें उनके भक्त गजानन, धूमकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक के नाम से भी जानते हैं. गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता कहा जाता है.

तिथि: बुधवार, 27 अगस्त 2025
मध्याह्न पूजा मुहूर्त: 11:05 AM – 1:40 PM
विसर्जन (अनंत चतुर्दशी): 6 सितंबर 2025, शनिवार
चंद्र दर्शन वर्जित समय: 10:13 AM – 9:54 PM, 27 अगस्त
भारत में कब है गणेश चतुर्थी?
गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 दिन का होता है, जिसे महाराष्ट्र , दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत दुनिया भर के हिंदू बड़े धूमधाम से मनाते हैं. गणेश चतुर्थी का त्यौहार हिंदू माह के भाद्रपद के चौथे दिन यानी चतुर्थी से शुरू होता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक अगस्त और सितंबर का महीना होता है.

साल 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व और अनुष्ठान 27 अगस्त 2025 बुधवार को दोपहर के समय गणेश पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है, जो सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर के 1 बजकर 40 मिनट तक रहने वाला है. वही गणेश विसर्जन 6 सितंबर 2025, शनिवार के दिन होगा.

गणेश चतुर्थी 2025 पूजा विधि

प्रातः स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें.
स्थापना स्थल (ऊंचा, स्वच्छ, पीला/लाल कपड़ा बिछा कर) तैयार करें.
कलश स्थापना करें, फिर गणपति मूर्ति स्थापित करें.
गणेश पूजा करने से पहले संकल्प, आवहन, प्राण प्रतिष्ठा मंत्र का जाप करना चाहिए.
अष्टोपचार/षोडशोपचार पूजा: अक्षत, पुष्प, दूर्वा, मोदक,लड्डू, पंचामृत,दूध, दीप, धूप आदि अर्पित करें.
गणपति अथर्वशीर्ष, गणपति स्तोत्र, 108 नाम का जप.
आरती (सुबह-शाम), प्रसाद वितरण.
व्रतधारी चंद्र दर्शन से परहेज़ रखें (वर्जित समय का ध्यान रखें).
गणेश चतुर्थी 2025 महत्व
गणेश चतुर्थी का पर्व सालों से भारत में धूमधाम से मनाया जाता आ रहा है. मराठा साम्राज्य के वक्त छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस पर्व को राष्ट्रवाद और एकता को बढ़ावा देने के लिए मनाया था.

लेकिन इस त्यौहार को ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान काफी लोकप्रियता मिली. जब स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्या तिलक ने लोगों को एकता और आजादी के प्रति प्रेरित करने के लिए इस पर्व को मनाया.

गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा क्या कहती है?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी को माता पार्वती ने अपने शरीर से बनाया था, तथा उनमें प्राण डाले थे. गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, जिनकी पूजा बाधा दूर करने तथा ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा के देवता के रूप में भी की जाती है.

गणेश उत्सव का त्यौहार भारत में हर जाति समूह के लोग धूमधाम से मनाते हैं. वहीं भोग में उन्हें मोदक काफी प्रिय है.

गणेश चतुर्थी 2025 से जुड़े नियम
साल 2025 में अब कुछ ही दिन बप्पा के स्वागत में बचे हुए हैं. ऐसे में गणेश जी को घर लाने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद मूर्ति स्थापना करें.
मूर्ति को ऊँचे और स्वच्छ मंच पर स्थापित करें.
रोज़ सुबह-शाम आरती एवं भोग (मोदक/लड्डू) लगाएं.
दूर्वा, लाल पुष्प, सिंदूर, मोदक विशेष रूप से प्रिय माने जाते हैं.
इको-फ्रेंडली मूर्ति और कृत्रिम टैंक में विसर्जन (आवश्यक हो तो अपनाएं) स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन अवश्य करें.
क्या न करें (Don’ts)

वर्जित समय में चंद्र दर्शन न करें.
POP (Plaster of Paris) की बड़ी/ऊँची मूर्तियों की जगह मिट्टी के गणेश जी का इस्तेमाल करें.
सार्वजनिक स्थानों पर कचरा या मूर्ति अवशेष न छोड़ें.
गणेश विसर्जन कब करें? (1.5, 3, 5, 7, 10 दिन के विकल्प)

डेढ़ दिन (27 अगस्त 2025, बुधवार)
तीसरा दिन (28 अगस्त 2025, गुरुवार)
पांचवां दिन (30 अगस्त 2025, शनिवार)
सातवां दिन (1 सितंबर 2025, सोमवार)
दसवां दिन / अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर 2025, शनिवार)

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