Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी, भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. गौरी पुत्र गजानन भाद्रपद माह में 10 दिन के लिए पृथ्वी पर वास करते हैं और इन दिनों में भक्तों के समस्त कष्टों को दूर करते हैं.
भगवान गणेश को नई शुरुआत के देवता, विघ्नों के हर्ता और विद्या के संरक्षक माना जाता है, दस दिवसीय गणेश उत्सव का त्योहार लोगों के लिए खुशियां, उत्साह और उमंग लेकर आता है.
गणेश उत्सव भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर चतुर्दशी तक चलती है. इस साल गणेश चतुर्थी पर बप्पा 26 या 27 अगस्त 2025 में कब विराजित होंगे.
गणेश चतुर्थी 26 या 27 अगस्त कब ?
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 1.54 पर शुरू होगी और अगले दिन 27 अगस्त 2025 को दोपहर 3.44 तक रहेगी.
ऐसे में गणेश उत्सव सूर्योदय से शुरू होता है. गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 मनेगी. इस दिन शुभ मुहूर्त में बप्पा घर-घर में विराजित होंगे.
गणेश उत्सव के 10 दिन क्या होता है
गणेश उत्सव के पहले दिन धूमधाम से लोग घर और पंडालों में भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर भक्ति, व्रत, मंत्र-जप और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से उन्हें प्रसन्न करते हैं. 10 दिन तक बप्पा की सुबह-शाम पूजा होती है. अनंत चतुर्दशी पर बप्पा को प्रेमपूर्वक विदाई दी जाती है. जिनके घर में गणेश प्रतिमा विद्यमान होती है, उनके लिए यह समय भगवान की सेवा करना खास अवसर है.
गणेश चतुर्थी 2025 मुहूर्त
भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है.
बप्पा की स्थापना की विधि
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की मूर्ति को घर या मंदिर में स्थापित करना एक शुभ और पवित्र कार्य माना जाता है। बप्पा की स्थापना के लिए सबसे पहले स्थान को साफ-सुथरा किया जाता है। इसके बाद एक छोटी मिट्टी या लकड़ी की चौकी पर गणेश जी की मूर्ति रखी जाती है। पूजा के दौरान भगवान गणेश को हल्दी, सिंदूर, अक्षत (चावल), पुष्प, नैवेद्य (भोग), और मिठाई जैसे मोदक अर्पित किए जाते हैं।
पूजा के दौरान गणेश मंत्र का जाप और आरती गाई जाती है। यह माना जाता है कि गणेश जी सभी बाधाओं को दूर करते हैं और शुभ फल देते हैं। भक्त गणेश जी से स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं।
गणेश चतुर्थी की तिथि और महत्व
गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। यह त्योहार खासतौर पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और पूरे दस दिन तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। दसवें दिन गणेश विसर्जन किया जाता है, जो पारंपरिक रूप से उत्सव का समापन होता है।