हिन्दू खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ खाने व बात करने से भी कतराते थे पाकिस्तानी क्रिकेटर

नागरिकता कानून (CAA) को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत बैटिंग कर रही कांग्रेस गुरुवार को पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोयब अख्तर के बाउंसर पर लड़खड़ा गई। अब बारी BJP की थी, शोयब अख्तर के बाउंसर से अचकचाई कांग्रेस पर BJP ने भी पलटवार करने देर नहीं लगायी। गुरुवार को शोयब अख्तर ने एक पाकिस्तानी हिन्दू खिलाड़ी के साथ भेदभाव होने का खुलासा किया। रावल पिंडी एक्सप्रेस के नाम से चर्चित रहे शोयब अख्तर ने एक टीवी चैट शो में कहा, पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया के साथ हिन्दू होने के चलते भेदभाव होता था।

अख्तर ने खुलासा किया कि हिन्दू होने की वजह से कनेरिया के साथ भेदभाव और उपेक्षापूर्ण व्यवहार होता था। वह बेहतरीन खिलाड़ी था, अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी उसे श्रेय नहीं दिया जाता था। कुछ खिलाड़ी उसके साथ खाना खाने में परहेज करते थे। उससे बात तक नहीं करते थे। दानिश कनेरिया की तारीफ करते हुए शोयब अख्तर ने कहा, कॅरियर के दौरान मेरा दो-तीन साथी खिलाड़ियों के साथ झगड़ा भी हुआ। अख्तर ने बताया कि मैंने कहा कि क्या हुआ अगर कोई हिन्दू है, वह टीम के लिए अच्छा खेल रहा है। वह अगर पाकिस्तान के लिए विकेट ले रहा है तो उसे खेलना चाहिए।

शोएब ने कहा कि उसी हिन्दू खिलाड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान को टेस्ट जिताया। हम कनेरिया के प्रयास के बिना सीरीज नहीं जीत सकते थे लेकिन बहुत लोग उसे इसका श्रेय नहीं देते। शोएब अख्तर का यह वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट खेलकर 261 विकेट लिए हैं। पाकिस्तानी टीम में खेलने वाले वह दूसरे हिन्दू हैं। कनेरिया से पहले उनके मामा अनिल दलपत पाकिस्तानी टीम में खेल चुके हैं।

शोएब अख्तर के खुलासे के बाद दानिश कनेरिया ने भी मीडिया के सामने आकर शोएब की बातों पर मुहर लगा दी है। कनेरिया ने कहा कि शोएब भाई ने जो भी कहा, वह सब सच है। दानिश कनेरिया ने कहा कि तब मैं टीम था, इसलिए नहीं बोल पाया। लेकिन अब उन सभी के नाम भी ले सकता हूं।

CAA को लेकर कांग्रेस के आरोप झेल रही मोदी सरकार ने शोएब अख्तार के बयान को तुरंत लपक लिया। शोएब अख्तर के वीडियो को ट्वीट करते हुए BJP नेता अमित मालवीय ने लिखा, यदि पाकिस्तान में अंतरराष्टीय खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ एक भेदभाव हो सकता है तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां गैर मुस्लिमों के साथ कितना भेदभाव और उत्पीड़न होता होगा। यदि CAA के माध्यम से ऐसे पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत अपनी नागरिकता दे रहा है तो कांग्रेस, मुस्लिम और वामपंथियों को किस बात का ऐतराज है?

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