गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (former cm vijay rupani) और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल (deputy cm nitin patel)
ने चुनाव नहीं लड़ने कि इच्छा जताई है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर जानकारी दी है। हालांकि हैरानी की बात यह है कि नितिन पटेल ने कुछ दिन पूर्व ही विधायक के चुनाव के लिए दावेदारी की थी। लेकिन अब खुद ही पीछे हट गए हैं. वहीं आशंका जताई जा रही है कि नितिन पटेल को इस बार टिकट नहीं मिलने वाला था।
वहीं अपने फैसले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (former cm vijay rupani) ने कहा कि इस बार चुनाव में नए लोगों, कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदारी देनी चाहिए। मैं चुनाव नहीं लडूंगा ऐसा पत्र दिल्ली को लिखकर बताया है। केंद्रीय चुनाव समिति जिन भी प्रत्याशियों का चुनाव करेगी उनको जिताने का प्रयत्न करेंगे। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शीर्ष नेतृत्व गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बैठक की।
इन लोगों ने भी चुनाव नहीं लड़ने की जताई इच्छा
सीएम विजय रुपाणी (former cm vijay rupani) और नितिन पटेल (deputy cm nitin patel)
के अलावा पूर्व गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। प्रदीप सिंह जाडेजा, सौरभ पटेल , विभावरी बेन, कौशिक पटेल, वल्लभ काकाडिया, योगेश पटेल और पूर्व मंत्री सौरभ पटेल, कौशिक पटेल ने भी चुनाव नहीं लड़ने कि इच्छा जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक भूपेन्द्र चूड़ासमा ने भी चुनाव ना लड़ने की इच्छा जताई है। सूत्रों के मुताबिक आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी सरकार के ज़्यादातर मंत्रियों को टिकिट नहीं मिलने की संभावना है।
चुनाव समिति की हुई बैठक
इस समिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,(PM Modi) पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। भाजपा का गुजरात में लगातार 7वीं बार जीत दर्ज करने का लक्ष्य है। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 2 चरणों में एक और 5 दिसंबर को होगा। सूत्रों ने बताया कि भाजपा (BJP) बैठक के दौरान सभी 182 उम्मीदवारों के नाम तय कर सकती है और अगले कुछ दिनों में सूची जारी कर सकती है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नहीं मिल सकता है टिकट
इस बैठक के मद्देनजर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल ने पार्टी की प्रदेश इकाई द्वारा तैयार संभावित उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए यहां मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सीटों पर बंटवारे के लिहाज से नया रिकॉर्ड बनाने के मकसद से पार्टी संगठन में नयी ऊर्जा फूंकना चाहती है। इसे देखते हुए कई वरिष्ठ नेताओं को सूची से बाहर रखने की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पार्टी को सुझाव मिले हैं कि उसे नए और युवा चेहरों को चुनना चाहिए। राज्य के 2017 विधानसभा चुनाव के कड़े मुकाबले में भाजपा (BJP) ने 99 और उसकी मुख्य प्रतिंद्वद्वी कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के कई विधायकों के दल बदलने के कारण विधानसभा में भाजपा (BJP) के सदस्यों की संख्या 111 हो गयी है और इसकी संभावना कम ही है कि भाजपा सभी मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट देगी। इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) में आम आदमी पार्टी (आप) के आने से भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के सामने नयी चुनौती पैदा हो गयी है।