पूर्व विदेश सचिव व विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया वह राजनीति में क्यों आए। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति में शामिल होने की एक सबसे बड़ी वजह यह है कि मैंने इस सरकार को सुधारों के बारे में बात करते देखा। पहली बार, हमारे पास एक सरकार है जिसके लिए सुधार का मतलब है पोषण, लड़की की शिक्षा, मध्यवर्गीय के लिए सेवाएं है। ऐसे में मुझे लगा कि हमें भी इसमें सुधार लाने में साथ देना चाहिए। बस फिर मैंने भारतीय जनता पार्टी यानी BJP ज्वाइन कर ली।
इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 5 सालों में इस सरकार के तहत हमने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिसके द्वारा दुनिया में कहीं भी, किसी भी भारतीय को परेशानी होती है तो हम उनकी देखभाल करते हैं। हम वहां उनके लिए मौजूद हैं।
विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद जयशंकर ने टाटा समूह के ग्लोबल कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। जयशंकर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार भी मिल चुका है।
PM मोदी की कैबिनेट में अनुभवी राजनयिक एस जयशंकर चीन और अमेरिका के साथ बातचीत में भारत के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। जयशंकर अमेरिका और चीन में भारत के राजदूत के पदों पर भी काम कर चुके हैं। 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी जयशंकर ने लद्दाख के देपसांग और दोकलाम गतिरोध के बाद चीन के साथ संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।