रूस ने चंद घंटों में तोड़ा वादा, अनाज समझौते के बाद ओडेसा बंदरगाह पर दागी कैलिबर

यूक्रेन (Ukraine) और रूस के बीच अनाज निर्यात समझौते के बमुश्किल कुछ ही घंटों बाद रूस (Russia) ने ओडेसा के मुख्य बंदरगाह को क्रूज मिसाइल हमलों के साथ निशाना बनाया. यह वह बंदरगाह है जिसके माध्यम से अनाज का निर्यात किया जाना है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को हुए इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि रूस का यह कदम अनाज निर्यात का समझौता कराने वाले तुर्की और संयुक्त राष्ट्र का मखौल उड़ाने जैसा है. यूक्रेन के ऑपरेशनल कमांड साउथ ने टेलीग्राम ऐप पर लिखा, ‘दुश्मन ने ओडेसा समुद्री व्यापार बंदरगाह पर कलिब्र क्रूज मिसाइलों से हमला किया.’ ओडेसा पर हमला यूक्रेन भर में रूसी हमलों की एक श्रृंखला में से एक था, जिसमें शनिवार सुबह क्रोपिव्नित्सकी शहर पर 13 मिसाइलों से हमला किया था.

ओडेसा के मुख्य बंदरगाह पर दागी कैलिबर मिसाइल
यूक्रेन की सेना की दक्षिणी कमान ने कहा कि दो रूसी कैलिबर मिसाइल से बंदरगाह पर हमला किया गया. हालांकि यूक्रेन की हवाई रक्षा सेना ने दो अन्य मिसाइल को नष्ट कर दिया. मिसाइल हमले में कितना नुकसान हुआ इस बारे में जानकारी नहीं दी गई. इतना जरूर कहा जा रहा है कि युद्ध शुरू होने के बाद से शहर पर सबसे बड़े हमलों में से एक था. इसके बाद पूरे शहर में धुएं का गुबार देखा गया. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने कहा, ‘इस्तांबुल समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के समक्ष किए गए वादे को तोड़ने में रूस ने 24 घंटे भी नहीं लगाए और ओडेसा बंदरगाह पर मिसाइल से हमला किया.’ इस समझौते से यूक्रेन का लाखों टन अनाज और रूस का कुछ अनाज तथा उर्वरक का निर्यात होना है जो युद्ध के कारण रूका हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र ने रूसी हमले की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र गुतारेस के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र इन हमलों की ‘कड़ी निंदा’ करता है. बयान में कहा गया, ‘कल सभी पक्षों ने यूक्रेन के अनाज और अन्य कृषि उत्पादों को सुरक्षित तरीके से वैश्विक बाजार में पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई थी. इन उत्पादों से वैश्विक खाद्य संकट से जूझ रहे लोगों को मदद मिलनी है और दुनियाभर में लाखों लोगों के खाद्यान्य संकट को दूर करने की जरूरत है. रूस, यूक्रेन और तुर्की को इस समझौते का पूरी तरह पालन करना चाहिए.’ द गार्जियन ने बताया कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने रात के वीडियो संबोधन में कहा कि समझौते ‘वैश्विक तबाही को रोकने का एक मौका देते हैं, जो दुनिया के कई देशों में राजनीतिक अराजकता पैदा कर सकता है, विशेष रूप से उन देशों में जो हमारी मदद करते हैं.’

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