केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) विदेशी चंदा प्राप्त करने में नियमों का कथित तौर पर उल्लंघन कराने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों तथा बिचौलियों के खिलाफ देशभर में व्यापक अभियान चला रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन के मामले में दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, कोयंबटूर, मैसूर और राजस्थान में कुछ स्थानों के समेत करीब 40 जगहों पर समन्वित अभियान चल रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान पता चला कि गृह मंत्रालय के अनेक अधिकारियों, एनजीओ के प्रतिनिधियों और बिचौलियों ने एफसीआरए, 2010 का उल्लंघन करते हुए विदेशी अनुदान प्राप्त कराने के लिए पैसों का लेनदेन किया. उन्होंने कहा कि अभी तक एजेंसी ने मामले के सिलसिले में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और एनजीओ के प्रतिनिधियों समेत करीब छह लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि अभियान में अभी तक दो करोड़ रुपये के हवाला लेनदेन का पता चला है.
मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिए से भी जांच
केंद्रीय एजेंसी द्वारा छापेमारी तब की गई जब गृह मंत्रालय ने भ्रष्टाचार के मामले में अपने विभाग के कुछ अधिकारियों के शामिल होने का संदेह जताया. अधिकारियों ने कहा कि मामले के संबंध में सीबीआई को सतर्क करने का निर्णय मोदी सरकार की “भ्रष्टाचार के लिए शून्य सहनशीलता” नीति के अनुरूप था. एजेंसी संभावित मनी लॉन्ड्रिंग के नजरिए से भी जांच कर रही है.
FCRA मंजूरी के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी गई
शिकायत के अनुसार, विदेशी डिवीजन में निचले स्तर के अधिकारियों को रिश्वत का भुगतान किया गया था जो एफसीआरए मंजूरी से संबंधित है. बिचौलियों ने गैर सरकारी संगठनों से पैसा लिया, जिन्हें एफसीआरए मंजूरी से वंचित कर दिया गया था और सरकारी अधिकारियों को उन्हें स्वीकृत लाइसेंस प्रदान करने के लिए भुगतान किया था. अभी तक कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस मामले से जुड़ा नहीं पाया गया है.
क्या है FCRA
विदेशी फंडिंग प्राप्त करने के लिए सभी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम या एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है. सरकार के एफसीआरए दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी पंजीकृत संगठनों को वित्तीय वर्ष बंद होने के नौ महीने के भीतर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय विवरण, रसीद और भुगतान खाता, बैलेंस शीट आदि की एक ऑनलाइन वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है.