EPF withdrawal: भारत में जितने भी लोग नौकरी करते हैं. उनमें से ज्यादा तार सभी लोगों के पीएफ खाते होते हैं. यह खता एक तरह से बचत खाते की तरह काम करता है इसमें कर्मचारियों की सैलरी का 12% हिस्सा जमा होता है. तो उतना ही योगदान कंपनी की ओर से भी किया जाता है.
PF खाते में जमा होने वाली राशि पर सरकार की ओर से ब्याज भी मिलता है. और जरूरत के समय आप अपने पीएफ खाते में मौजूद राशि को निकाल भी सकते हैं. इसके लिए बस आपको ऑनलाइन क्लेम करना होता है.
लेकिन कुछ लोग शिकायत करते हैं कि उन्होंने पीएफ क्लेम किया लेकिन पैसा अब तक नहीं आया. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है. तो इसके पीछे वजहें हो सकती हैं. चलिए आपको बताते हैं इस बारे में पूरी जानकारी.
PF क्लेम अटकने में सबसे आम गलती होती है बैंक डिटेल्स का मिसमैच. अगर आपके पीएफ अकाउंट में दर्ज बैंक खाता नंबर या IFSC कोड गलत है. तो ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है. कई बार नाम की स्पेलिंग या पुराना खाता नंबर जुड़ा रहता है. जो क्लेम को अटका देता है.
इसके अलावा अगर आधार कार्ड की जानकारी आपके पीएफ खाते से लिंक नहीं है या दोनों में नाम और डेट ऑफ बर्थ में फर्क है. तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है. UAN और आधार का मैच होना ज़रूरी है. यह गलती बहुत लोग अनजाने में कर जाते है.
कई बार लोग नौकरी बदलते वक्त पुराने और नए पीएफ अकाउंट को मर्ज नहीं करते. इससे डेटा दो जगह होता है और कन्फ्यूजन बढ़ जाता है. ट्रांसफर न करने की वजह से क्लेम अटक सकता है या पुरानी कंपनी के खाते से पैसा नहीं निकलता.
फॉर्म भरते समय कई लोग गलत फॉर्म का चुनाव कर लेते हैं. नौकरी छोड़ने पर एक तरह का फॉर्म लगता है और आंशिक निकासी पर दूसरा. फॉर्म में गलत जानकारी देने से भी एप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकती है. सही ऑप्शन चुनना और ध्यान से भरना जरूरी है.
