DUSU Elections Result 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 में बिहार की बेटी दीपिका झा ने शानदार जीत हासिल की है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से संयुक्त सचिव पद की उम्मीदवार दीपिका झा को 21,825 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी एनएसयूआई के लवकुश भदाना को 17,380 वोट मिले. दीपिका ने 4,445 वोटों की शानदार बढ़त के साथ ये जीत अपने नाम की.
Who is Deepika Jha ABVP: कौन हैं दीपिका झा?
बिहार की रहने वाली दीपिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है और अब वो बौद्ध अध्ययन विभाग में पढ़ाई कर रही हैं. पढ़ाई के साथ-साथ दीपिका सामाजिक कामों में भी जबरदस्त सक्रिय हैं.वह एबीवीपी के स्टूडेंट्स फॉर सेवा प्रोजेक्ट से जुड़ी रही हैं और बस्ती की पाठशाला व ऋतुमति अभियान जैसे कार्यक्रमों में उन्होंने छात्रों को समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया है.
दीपिका ने जताया विश्वास
चुनाव से पहले दीपिका ने कहा था कि एबीवीपी ने मुझे ये मौका दिया, इसके लिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं. मुझे पूरा यकीन था कि छात्रों का प्यार और समर्थन हमें मिलेगा और एबीवीपी 4-0 से जीत हासिल करेगी.उनकी ये बात सच साबित हुई और उनकी मेहनत ने उन्हें DUSU की संयुक्त सचिव बना दिया.
दीपिका ने चुनाव में क्या कहा?
दीपिका ने अपने चुनावी मुद्दों को बड़े साफ तरीके से रखा था.
यूनिवर्सिटी की स्पेशल बसें: दीपिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लिए विशेष बसों को अपनी प्राथमिकता बताया था. 27 साल बाद कैंपस में ये सुविधा शुरू हुई है.
मेट्रो कंसेशन पास: ये मुद्दा लंबे समय से अटका था. दीपिका ने इसे जोर-शोर से उठाया और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी मंच से इसका वादा किया था.
छात्राओं के लिए एनसीसी: दीपिका हर कॉलेज की लड़कियों को एनसीसी में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती थीं और इसके लिए वो पूरी तरह से कमिटेड थीं.
छात्रों से गहरा जुड़ाव
दीपिका ने पूरे चुनाव के दौरान छात्रों से लगातार मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं.उनका कहना था कि उन्हें हर जगह से ढेर सारा प्यार और सपोर्ट मिला.उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें इस शानदार जीत तक पहुंचाया.
एबीवीपी का दमदार प्रदर्शन
एबीवीपी के अन्य उम्मीदवारों ने भी इस बार कमाल किया. अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आर्यन मान (हरियाणा)ने मेट्रो पास को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया था.उपाध्यक्ष पद के गोविंद तंवर (हरियाणा)और सचिव पद के कुणाल चौधरी (दिल्ली)भी छात्रों के बीच खूब लोकप्रिय रहे हालांकि गोविंद तंवर चुनाव हार गए.दीपिका झा की इस जीत ने न सिर्फ बिहार का नाम रोशन किया, बल्कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए भी नई उम्मीद जगाई है.उनकी मेहनत, लगन और जुनून ने उन्हें DUSU की संयुक्त सचिव बनाया और अब वो छात्रों की आवाज को और बुलंद करेंगी.