Durga Ashtami Kab Hai 2025 Date: दुर्गा अष्टमी का पावन व्रत हर बार नवरात्रि में आठवें दिन होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है. दुर्गा अष्टमी को महाष्टमी भी कहते हैं. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा करते हैं. दुर्गा अष्टमी पर कन्या पूजा भी की जाती है. इस बार दुर्गा अष्टमी कब है, इसकी तारीख को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन है क्योंकि तृतीया तिथि दो दिन है. 2 दिन तिथि होने के कारण नवरात्रि 10 दिनों की हो गई और आठवें दिन दुर्गा अष्टमी नहीं है, तिथि के अनुसार दुर्गा अष्टमी 9वें दिन पड़ रही है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि दुर्गा अष्टमी कब है? दुर्गा अष्टमी का मुहूर्त क्या है?
दुर्गा अष्टमी की तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, दुर्गा अष्टमी के लिए आश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि 29 सितंबर दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 30 सितंबर दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर मंगलवार को है.
दुर्गा अष्टमी को कन्या पूजा
नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन कन्या पूजा का विधान है. वैसे तो आप नवरात्रि के 9 दिन आप कन्या पूजा कर सकते हैं, लेकिन समय अभाव के कारण लोग दुर्गा अष्टमी और महानवमी को कन्या पूजा करते हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजा 30 सितंबर मंगलवार को है.
शोभन योग में दुर्गा अष्टमी
इस बार की दुर्गा अष्टमी पर शोभन योग बन रहा है. उस दिन शोभन योग प्रात:काल से लेकर 1 अक्टूबर दिन बुधवार को 01 बजकर ए एम तक है. उसके बाद से अतिगण्ड योग बनेगा. शोभन योग एक शुभ योग है. इसमें आप पूजा, पाठ और अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं. दुर्गा अष्टमी पर मूल नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह में 06 बजकर 17 मिनट तक है. उसके बाद से पूर्वाषाढा नक्षत्र है. शोभन योग और पूर्वाषाढा नक्षत्र में दुर्गा अष्टमी की पूजा की जाएगी.
दुर्गा अष्टमी मुहूर्त
दुर्गा अष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:37 ए एम से 05:25 ए एम तक है. ब्रह्म मुहूर्त को स्नान के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है. दुर्गा अष्टमी का अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. इस दिन का निशिता मुहूर्त रात में 11 बजकर 47 मिनट से देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक है.
दुर्गा अष्टमी का महत्व
दुर्गा अष्टमी के दिन स्नान एवं षोडशोपचार पूजा से दुर्गा पूजा का शुभारंभ होता है. महा सप्तमी के दिन दुर्गा मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. दुर्गा अष्टमी पर व्रत रखकर मां महागौरी की पूजा करते हैं. मां महागौरी अत्यंत गौरी वर्ण की हैं, जो बैल पर सवार रहती हैं और सफेद वस्त्र धारण करती हैं. उनकी चार भुजाएं हैं. वे त्रिशूल धारण करती हैं.