Dhirendra Shastri on Garba Controversy: छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नवरात्रि पर्व और गरबा उत्सव के बीच एक बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने एक बार फिर से गरबा आयोजन में गैर-हिंदुओं पर रोक का मुद्दा उठाया और कहा, “जब सनातनी हिन्दू विचारधारा के लोग हज पर नहीं जाते तो उन्हें (मुस्लिम समुदाय) को भी गरबा में शामिल नहीं होना चाहिए.” उन्होंने आगे यह भी कहा कि गरबा स्थल के मुख्य द्वार पर गोमूत्र रखा जाना चाहिए.
दरअसल, बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री छतरपुर के प्रसिद्ध बंबरबेनी मंदिर पहुंचे थे. इस दौरान मार्ग में जगह-जगह भक्तों ने आरती उतारकर और पुष्पवर्षा कर उनका जोरदार स्वागत किया. धीरेंद्र शास्त्री के साथ क्षेत्रीय विधायक अरविंद पटेरिया सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु लवकुशनगर की आराध्या मां बंबरबेनी के दर्शन के लिए पहुंचे.
विधायक अरविंद पटेरिया ने जनता से किया यह वादा
भक्तों का कहना था कि मां बंबरबेनी का अद्भुत स्वरूप देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो मां वैष्णो देवी के दर्शन हो रहे हों. विधायक अरविंद पटेरिया ने इसे अपने लिए सौभाग्य का दिन बताया. उन्होंने कहा कि मां बंबरबेनी की कृपा से पूरा क्षेत्र सुखी और समृद्ध रहेगा. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही मंदिर तक जाने के लिए सड़क निर्माण कराया जाएगा, जिससे भक्तों को आसानी से माता के दर्शन मिल सकें.
बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी मां बंबरबेनी से प्रार्थना करते हुए कहा कि लवकुशनगर क्षेत्र हमेशा प्रसन्न और समृद्ध रहे. उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में यहां कथा का आयोजन भी किया जाएगा.
क्या है गरबा विवाद?
नवरात्रि का पर्व शुरू होते ही देश भर में गरबा के अनेकों आयोजन होते हैं. हर शहर में कई-कई जगह कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें महिलाएं और पुरुष आकर माता के दर्शन करते हैं और फिर गरबा डांस और डांडिया करते हुए झूम उठते हैं. इस बीच हर बार यह मुद्दा भी उठता है कि इन आयोजनों में हिंदू समुदाय के लोगों के अलावा और कोई नहीं आना चाहिए. खासकर हिंदू संगठनों की यह मांग हमेशा होती है कि गैर हिंदुओं का प्रवेश पूरी तरह वर्जित किया जाए.