Dharali Cloudburst : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में खीर गंगा नदी में शनिवार सुबह अचानक आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी। इस प्राकृतिक आपदा ने धराली बाजार को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. तेज और उफनते बहाव ने दुकानों, वाहनों और स्थानीय ढांचों को अपनी चपेट में ले लिया. चश्मदीदों के अनुसार, बाढ़ इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला और चंद मिनटों में पूरा इलाका जलमग्न हो गया. पानी के तेज बहाव के साथ-साथ बड़े-बड़े पत्थर और भारी मलबा बाजार क्षेत्र में आ घुसे, जिससे कई निर्माण पूरी तरह ध्वस्त हो गए. अब तक कितने लोग इस आपदा में लापता या प्रभावित हुए हैं, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि या स्पष्ट आंकड़ा सामने नहीं आया है, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रशासन को भारी जनहानि की आशंका है. राहत-बचाव कार्य जारी है और SDRF की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं. स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है.
जयंत चौधरी ने की धराली के लिए प्रार्थनाएं
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने लिखा कि उत्तरकाशी में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए मेरी प्रार्थनाएं हैं.
धराली बादल फटने की घटना पर क्या बोले गृह मंत्री अमित शाह?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा: “उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में फ्लैश फ्लड की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर घटना की जानकारी ली. ITBP की निकटतम 3 टीमों को वहाँ भेज दिया गया है, साथ ही NDRF की 4 टीमें भी घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं, जो शीघ्र पहुँच कर बचाव कार्य में लगेंगी.”
उत्तरकाशी पुलिस ने क्या कहा?
उत्तरकाशी पुलिस ने कहा कि, “उत्तरकाशी में, हर्षिल क्षेत्र में खीरगाड़ के बढ़ते जल स्तर के कारण, धराली में नुकसान की खबरों ने पुलिस, एसडीआरएफ, सेना और अन्य आपदा प्रतिक्रिया टीमों को घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्यों में शामिल होने के लिए सूचित है.”
चार लोगों के मौत की पुष्टि
धराली बादल फटने की घटना में स्थानीय प्रशासन ने चार लोगों के मौत की पुष्टि की है. उधर चश्मदीदों का दावा है कि 50-60 लोग लापता हैं. हालांकि लापता लोगों पर अभी तक कोई जानकारी स्पष्ट नहीं दी गई है.
हम लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे- सीएम
उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “मुझे उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना की जानकारी मिली है… हम लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अधिकारी लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं…”

