लखनऊ में डेंगू का प्रकोप जारी, आए दिन लोग हो रहे इसके शिकार

राजधानी में स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की लापरवाही देखने को मिली है। जहां डेंगू का प्रकोप से तेज बुखार आने के कारण मासूम की मौत हो गई। जबकि पास के डॉक्टर ने डेंगू होने की आशंका जताई थी। बता दें कि फैजुल्लागंज लगातार मच्छर जनित बीमारियों का शिकार हो रहा है। फैजुल्लागंज के 15 लोग बुखार की चपेट में आ गए हैं। वहीं नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त फॉगिंग अभियान की पोल खुल रही है। राजधानी में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 550 लोग डेंगू के चपेट में आ चुके है। सूत्रों के मुताबिक डेंगू के कारण राजधानी में सात मौत हो चुकी है।

सरकारी अस्पतालों को डेंगू का बेहतर इलाज करने के लिए लगातार चेतावनी दी जा रही है। वहीं प्राइवेट अस्पताल इस मामले पर लापरवाही दिखा रहा है। मृतक कैकसा कि 5 दिनों से नार्मल फीवर का इलाज किया जा रहा था। हालत में सुधार न होने पर परिजनों ने गुरुवार को केजीएमयू में भर्ती कराया था। जहां ठाकुरगंज निवासी पिता सईद क्रिमानी पुत्री कैकसा की डेंगू से केजीएमयू में मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि 5 दिनों से मृतिका को तेज बुखार आ रहा था, जिसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। गुरुवार की रात लगभग 8:00 बजे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मृतिका की जांच के दौरान डेंगू की पुष्टि हुई। सुबह में कैकसा की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार 800 निजी पैथोलॉजी में से 38 पैथोलॉजी ही डेंगू की रिपोर्ट भेज रहे है। जबकि प्राइवेट अस्पताल व पैथोलॉजी स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट नहीं भेज रहे। राजधानी में करीब 900 प्राइवेट अस्पताल व 800 पैथोलॉजी हैं। सैकड़ो की संख्या में पैथोलॉजी व अस्पताल मनमाने तरीके से डेंगू की जांच को लेकर धन उगाही कर रहे है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे अस्पतालों पैथोलॉजी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है

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