दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण सोमवार को सारी सीमाओं को तोड़ते हुए खतरनाक स्तर के भी पार पहुंच गया है। इसके चलते इन हवाओं में अब सांस लेना जानलेवा हो गया है। स्थिति की गंभीरता को इससे भी आंका जा सकता है, कि Delhi NCR की हवाओं पर नजर रखने के लिए नवगठित आयोग ने लोगों से फिलहाल जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक घर में ही रहने और घर से ही काम करने की सलाह दी है। घूमने-फिरने से भी परहेज करने को कहा है। वहीं जहां तक संभव हो, लोगों से निजी वाहन का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।
यह स्थिति इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि हवाओं की गुणवत्ता को मापने के लिए जो स्टैंडर्ड मानक तय किए गए है, उनमें जो खतरनाक स्तर है, उसके लिए PM-10 का स्तर 431 से 550 तक रहता है, जबकि PM 2.5 का स्तर 251 से 350 तक रहता है। इससे ऊपर प्रदूषण मापने का कोई पैमाना नहीं है। लेकिन दिल्ली में सोमवार को जो स्थिति थी, उसमें हवाओं ने इस दौरान स्तरों को पार कर दिया है। केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से जुड़ी संस्था सफर इंडिया के मुताबिक सोमवार को दिल्ली में PM 10 का स्तर 573 तक था, वहीं PM 2.5 का स्तर 384 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। हवाओं के जानलेवा होने का अंदाजा का इससे भी लगाया जा सकता है, क्योंकि साफ हवाओं के लिए PM 10 का स्तर अधिकतम 100 और PM 2.5 का स्तर शून्य से 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए।
खासबात यह है कि दिल्ली की हवाएं उस समय जहरीली हुई है, जब केंद्र और राज्य सरकार महीने भर पहले से इस पर रोकथाम को लेकर अभियान छेड़े हुए है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर लगातार अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। हाल ही में कोर्ट ने केंद्र को यह चेतावनी भी थी, कि कुछ भी हो Delhi NCR के ऊपर प्रदूषण का धुंध नहीं छानी चाहिए। वाबजूद इसके स्थिति जानलेवा हो गई है।
पंजाब में खुलेआम जल रही है पराली
सफर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की मात्रा करीब 38 % थी। जानकारों की मानें तो हवाओं के ठप होने और पराली के बड़े पैमाने पर जलाए जाने के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक Delhi NCR में प्रदूषण में इस बार पराली के धुएं की हिस्सेदारी 42 % तक पहुंच गई है। जो पांच नवंबर को थी। पिछले साल पूरे सीजन में दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की अधिकतम हिस्सेदारी सिर्फ 40 %तक रही थी।
नवगठित आयोग ने यह भी लिया फैसला
दिल्ली-एनसीआर की हवाओं की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित उच्च स्तरीय आयोग ने प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने पर सोमवार को आनन-फानन में बैठक की है। जिसमें प्रदूषण से निपटने के लिए पहले के नियमों और दिशा-निर्देशों को देखा गया है। साथ ही तत्काल प्रभाव से दस अहम कदम उठाने के निर्देश दिए है। इनमें निर्माण कार्यो पर रोकथाम के लिए बने कानूनों का सख्ती से पालन कराने, कचरे को जलने से रोकने, ज्यादा धूल वाले क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करने, सभी हॉटस्पॉट पर एंटी स्माग गन की तैनाती करने, एनसीआर के कारखानों में कोयले के इस्तेमाल को कम करने, ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन करने सहित सिविल सोसाइटी से इसमें सहयोग करने की मांग की है।