दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) 23 मई (मंगलवार) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेंगे। यह मुलाकात कोलकाता में होगी। इसके बाद केजरीवाल शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। इसके लिए वो मुंबई के लिए रवाना होंगे। 24 मई को उद्धव ठाकरे और 25 मई को शरद पवार से मुलाकात करेंगे।
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का इन विपक्षी नेताओं से मुलाकात कारण केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में लाए गए अध्यादेश को राज्यसभा में रोकना है। इसके लिए वो विपक्षी नेताओं के पास जाकर समर्थन जुटा रहे हैं।
शनिवार को सीएम केजरीवाल ने की थी प्रेसवार्ता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने प्रेस वार्ता कर कहा कि NCCSA अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दी है। उन्होंने बताया कि यह मामला कोर्ट में पांच मिनट भी नहीं टिकेगा। आम आदमी पार्टी की सरकार इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
उन्होंने कहा कि वो दिल्ली में हर एक घर में जाएंगे और इस अध्यादेश के बारे में बताएंगे। साथ ही वो एक महारैली करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बार लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता एक भी सीट पर जीत नहीं दिलाएगी।
केजरीवाल ने आगे कहा कि वो हर पार्टी से समर्थन मांगेंगे ताकि राज्यसभा में यह अध्यादेश पारित न हो।
क्या है अध्यादेश?
अध्यादेश की बात करें तो इसमें कहा गया है कि दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है। ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा। इस अध्यादेश के अनुसार राजधानी में अब अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) के माध्यम से होगी। इस अध्यादेश में कहा गया है कि इस एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। मगर मुख्य सचिव व गृह सचिव इसके सदस्य होंगे। मुख्य सचिव व गृह सचिव की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। अधिकारियों की नियुक्ति के विषय में एनसीसीएसए उपराज्यपाल को अनुमोदन करेगी और अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति में अगर कोई विवाद होता है तो आखिरी फैसला दिल्ली के एलजी का मान्य होगा।