हरफन मौला किशोर कुमार

हरफन मौला किशोर कुमार जिनकी जादुई आवाज़ आज भी सुननेवालों को मदहोश कर देती है। एक ही शख्स में बेमिसाल गायकी और बेहतरीन अदाकारी का सबसे उमदा उदाहरण अगर कोई है तो वो किशोर हैं। 13 अक्टूबर 1987 ही वो तारीख थी जब किशोर दा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, लेकिन आज 32 साल बाद भी उनकी अनमोल आवाज के करोड़ों दीवाने हैं। देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना तक और धर्मेंद्र से लेकर अमिताभ बच्चन तक वो सुपरस्टार्स की सबसे पसंदीदा आवाज बने। किशोर कुमार अकेले ऐसे सिंगर है जिनके नाम 8 फिल्म फेयर अवॉर्ड हैं।

आईए आपको बताते हैं किशोर कुमार के कुछ अनसुने किस्से —

सुरीले किशोर बचपन में उतने ही बेसुरे थे
किशोर कुमार की सुरीली आवाज को लेकर एक उनके बचपन का एक बेहद दिलचस्प किस्सा है। किशोर दा के बड़े भाई दादा मुनि अशोक कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि बचपन में किशोर की आवाज बेहद करकश थी और उसे हमेशा ही खासी जुकाम रहता था। एक बाद किशोर के पैर की ऊंगली सब्जी काटने वाली दराती से कट गयी, हालांकि डॉक्टर ने पूरा इलाज किया मगर इस बीच किशोर को इतना दर्द हुआ कि वो कई दिनों तक रोता रहा, और तभी से उसका गला खुला, आवाज पूरी तरह से बदल गयी।

कॉलेज के दिनों में टेबल को बनाया तबला और प्रोफेसर से खाई डांट
एक बार पॉलीटिकल साइंस के क्लॉस में किशोर टेबल को तबले की तरह बजा रहे थे, तब उन्हें जमकर डांट पड़ी, प्रोफेसर ने कहा गाने बजाने से कुछ नहीं होगा पढ़ाई में मन लगाओ, इस पर किशोर ने प्रोफेसर को मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि इसी गाने-बजाने से उनके जीवन का गुजारा होगा।

5 रूपय उधार लेकर, पहला गीत बनाया
किशोर कुमार का मन पढ़ाई में कम और सिंगिंग में ज्यादा लगता था, साल 1948 में वो पढ़ाई अधूरी छोड़कर इंदौर से मुंबई चले गए। मगर क्रिश्चियन कॉलेज के कैंटीन वाले के उन पर एक दोस्त का पांच रुपए और 12 आने उधार रह गए थे। इसी किस्से पर किशोर ने अपनी फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ के फेमस सॉग “पांच रुपैया बारह आना…” के बोल लिखे थे, और लता जी के साथ अपनी आवाज दी थी।

आपातकाल में बंद किए गए गाने
किशोर कुमार ने 1975 में जब देश इमरजेंसी के दौर से गुजर रहा था तो एक सरकारी समारोह में गाना गाने से साफ मना कर दिया, इस पर तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ला ने किशोर कुमार के गीतों के आकाशवाणी प्रसारण पर रोक लगा दी, साथ ही किशोर कुमार के घर पर आयकर के छापे भी डाले गए।

हॉरर फिल्मों से बहुत डरते थे…
किशोर ने एक बार खुद एक सच स्वीकारा था कि वो हॉरर फिल्में देखने से बहुत डरते हैं। किशोर ने कहा था कि ‘हां मैं मानता हूं कि मैं थोड़ा पागल हूं लेकिन सच में मुझे हॉरर फिल्में देखने से बहुत डर लगता है। मैं इनसे कभी फ्रेंडली नहीं हो पाया हूं।’

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