Budget: इंडिया ब्लॉक में दरारें साफ दिखने लगी हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा कि वह नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार नहीं करेंगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्र सरकार का बजट पेश कर दिया. जिसे विकसित भारत के एजेंडा को आगे बढ़ाने वाला बताया गया है. मगर विपक्षी गठबंधन इंडिया ‘ब्लॉक’ ने बजट को भेदभाव वाला बताते हुए साफ कहा कि वह इसका कड़ा विरोध करेगा. कांग्रेस के 3 मुख्यमंत्रियों समेत विपक्षी दलों के 4 मुख्यमंत्री 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक का बॉयकाट करेंगे, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र करने वाले हैं. मगर इसके साथ ही इंडिया ब्लॉक में दरारें भी साफ दिखने लगी हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कहा कि वह नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार नहीं करेंगी.
सरकार को घेरने के लिए रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर एक बैठक बुलाई गई थी. इसमें तृणमूल कांग्रेस के नेता जरूर शामिल हुए मगर समाजवादी पार्टी के नेता इस बैठक से गायब रहे. इसे लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक तमाम विरोध के बावजूद अखिलेश यादव बजट पर सरकार को सदन में ही घेरने के पक्ष में हैं. वह इस मुद्दे को सड़क पर ले जाने के पक्ष में नहीं हैं. इसके कारण अब बजट को लेकर इंडिया ‘ब्लॉक’ में दरार साफ दिखने लगी है.
अखिलेश ने बीजेपी पर साधा निशाना
इससे पहले अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर बजट को लेकर निशाना साधते हुए कहा था कि केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाएं ‘सरकार बचाने’ की कोशिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों और नौजवानों के साथ पूरे देश की अनदेखी की है. उन्होंने यह भी कहा कि देश का नौजवान आधी-अधूरी नहीं, बल्कि पक्की नौकरी चाहता है. यादव ने आम बजट पर प्रतिक्रिया जताते हुए संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि ‘आंकड़ों के हिसाब से बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन जो परियोजनाएं चल रही हैं वो समय पर पूरा नहीं हुई हैं… सरकार बचानी है तो अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज या विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है.’
यूपी को लेकर अखिलेश का सवाल
अखिलेश यादव ने सवाल किया कि ‘उत्तर प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसानों के लिए भी कुछ बड़े फैसले हैं? यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में मंडी को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं पिछली बार की गई थीं, लेकिन एक भी मंडी का निर्माण नहीं किया गया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने बेरोजगारी बढ़ाई है और अब वह आधी-अधूरी नौकरी तथा इंटर्नशिप की बात कर रही है. उनका कहना था कि ‘प्रशिक्षण और इंटर्नशिप कराके नौकरी का सपना दिखाया जा रहा है. देश का नौजवान अपना भविष्य बनाने के लिए पक्की नौकरी चाहता है

