यमन के पास बन रहे इस महत्वपूर्ण एयरबेस का असली मालिक कौन? जिसकी मुट्ठी में होगा पूरी दुनिया का व्यापार

यमन की मुख्य भूमि से मात्र 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पेरिम द्वीप। इसे अरबी भाषा में मय्युन के नाम से भी जाना जाता है। यह द्वीप अपनी महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थिति को लेकर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। अदन की खाड़ी और लाल सागर के बिलकुल बीचोबीच स्थित इस द्वीप पर एक एयरबेस का निर्माण किया जा रहा है। जिसके महत्व को लेकर रक्षा मामलों के जानकार खूब चर्चा कर रहे हैं।

दरअसल इस द्वीप पर काबिज देश जब चाहे तब पूरी दुनिया को खाड़ी देशों से किए जाने वाले कच्चे तेल के निर्यात रोक सकता है। इतना ही नहीं, यह देश स्वेज नहर से होने वाले व्यापार को पल भर में बंद कर सकता है। इससे पूरी दुनिया में जरूरी सामानों का व्यापार प्रभावित हो सकता है। इतना ही नहीं, खाड़ी देशों के तेल पर निर्भर पूरी दुनिया को ईंधन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

यह द्वीप 2015 में यमन के हूती विद्रोहियों के कब्जे में चला गया था, लेकिन अब्दराबुह मंसूर हादी की सरकार का समर्थन करने वाली गल्फ अरब फोर्सेज ने इसे वापस छीन लिया था। गल्फ अरब फोर्सेज में सऊदी अरब के नेतृत्व में कई देशों की सेनाएं शामिल हैं। हालांकि, इस द्वीप पर बनाए जा रहे एयरबेस को लेकर किसी भी देश ने खुलकर स्वीकार नहीं किया है।

समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस ने खुफिया अधिकारियों के हवाले से दावा किया है कि इस एयरबेस को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) बनवा रहा है। फरवरी 2021 के अंत में प्लैनेट लैब्स इंक के सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इस द्वीप पर 1.8 किलोमीटर के रनवे का निर्माण किया जा रहा था। एपी की तस्वीरों से पता चला है कि 18 मई तक इस एयरबेस का अधिकतर काम पूरा हो चुका है। इस रनवे के दक्षिण दिशा में तीन हैंगर्स का निर्माण किया गया है, जहां जहाजों को खड़ा किया जाएगा।

पेरिम में एयरबेस बनाने का काम 2016 में शुरू किया गया था। जिसके तुरंत बाद इसपर हूती विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया था। जब यह द्वीप फिर से अरबी सेनाओं के कब्जे में आया तो फिर से एयरबेस बनाने का काम शुरू किया गया, लेकिन यहां की भौगोलिक स्थिति के कारण इस प्रोजक्ट को फिर रोक दिया गया। तब भी इसे यूएई से जोड़कर देखा गया था। हादी सरकार के अनाम यमनी अधिकारियों का दावा है कि यूएई रनवे का निर्माण कर रहा है।

यमनी सेना से जुड़े अनाम अधिकारियों ने बताया है कि हाल के हफ्तों में संयुक्त अरब अमीरात ने सैनिकों, उपकरणों और हथियारों को पेरिम तक पहुंचाया है। 2019 में यूएई ने यमन में तैनात अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। ये सैनिक सऊदी अरब के साथ मिलकर हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग लड़ रहे थे। सैन्य अधिकारियों ने यह भी बताया है कि कि संयुक्त अरब अमीरात और यमन के प्रमुख हादी हाल ही में 20 साल के लिए पेरिम के लिए लीज समझौते पर हस्ताक्षर करने की मांग को लेकर बातचीत कर रहे हैं।

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