जहां एक तरफ चीन में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा के केस बढ़ रहे हैं वहीं अब भारत में कोविड के मामलों में कुछ इजाफा हुआ है. बीते 24 घंटों में एक्टिव केस बढ़े हैं. साथ ही नए मामलों में इजाफा भी हो रहा है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कोविड के केस फिर से क्यों बढ़ने लगे हैं.
Corona cases again increases: भारत में फिलहाल कोरोना का कोई खतरा नहीं है. बीते डेढ़ साल से वायरस के केस बढ़े और कम हुए लेकिन हालात काबू में रहे. इस बीच अब देश में कोविड के ग्राफ में हल्का सा इजाफा हुआ है. बीते 24 घंटे में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 479 हो गई है. बीते एक दिन में 37 सक्रिय मरीज बढ़े हैं, हालांकि यह आंकड़ा बहुत कम है, लेकिन कोरोना के सक्रिय मरीजों का बढ़ना अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. चूंकि अभी चीन में सास की बीमारियों से हालात बिगड़ रहे हैं तो ऐसे में भारत में कोविड के ग्राफ फिर चढ़ रहा है.
कोरोना के केस बढ़ने का कारण क्या है? क्या चीन में फैल रहे निमोनिया का ये असर है या फिर कुछ और ही कारण है? ऐसे कई सवालों का जवाब जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
क्यों बढ़ रहे हैं केस?
सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट में डॉ. जुगल किशोर बताते हैं कि इस समय मौसम में बदलाव हो रहा है. सर्दियां आ गई हैं. ऐसे में मौसमी बीमारियां ज्यादा होती हैं. फ्लू और सीजनल बुखार के केस ज्यादा आते हैं. इन बीमारियों में लक्षण खांसी- जुकाम और बुखार के होते हैं. कुछ मामलों में सांस लेने में परेशानी भी होती है. ऐसे मरीज जब अस्पताल जाते हैं तो उनकी कोविड जांच भी की जाती है. जिसमें कुछ लोग पॉजिटिव मिल जाते हैं.
चूंकि सांस की बीमारियों के ज्यादा मरीज आ रहे हैं तो टेस्ट की संख्या भी बढ़ी है. इससे कोविड के आंकड़ों में इजाफा हो गया है. हालांकि केस बहुत ज्यादा नहीं है. जब भी टेस्ट होते हैं तो इतने केस आते ही है. वायरस कभी खत्म नहीं होता है. टेस्ट होगा तो कुछ लोग पॉजिटिव आएंगे ही, लेकिन इसमें पैनिक होने वाली कोई बात नहीं है.
कहीं चीन का असर तो नहीं?
इस सवाल के जवाब में एम्स में क्रिटिकल केयर विभाग में डॉ. युद्धवीर सिंह बताते हैं कि चीन में बढ़ते केस का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि चीन की वजह से भारत में केस बढ़े हैं. भारत में कुछ ही मामले बढ़े हैं. इनको चीन से जोड़ना अभी जल्दबाजी होगी. केस बढ़ने का कारण लोगों में फ्लू के बढ़ते लक्षण है और टेस्ट का बढ़ना है. ऐसे में यह नहीं सोचना चाहिए कि केस बढ़ने का संबंध चीन से है, हालांकि चीन में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा के जो केस बढ़ रहे हैं उनपर निगरानी रखने की जरूरत है. अगर वहां हॉस्पिटलाइजेशन या डेथ रेट बढ़ रहा है तो सभी देशों को सतर्क रहना होगा.
क्या निमोनिया से है संबंध?
डॉ सिंह कहते हैं कि निमोनिया और कोविड दोनों ही सांस की बीमारियां हैं, लेकिन निमोनिया के ज्यादा मामले बच्चों मे आते हैं और इसका कोविड के वायरस से कोई संबंध नहीं है. निमोनिया एक अलग बीमारी है जिसके केस हर साल भारत में आते ही हैं. सर्दियों में निमोनिया के केस ज्यादा आते हैं. लेकिन इससे बचाव के लिए टीके उपलब्ध हैं. ऐसे में निमोनिया को लेकर डरने की जरूरत नहीं है.