Nirbhaya Case: निर्भया के दरिंदगों को कल नहीं होगी फांसी

निर्भया के गुनहगार फांसी की सजा को टालने के लिए हरसंभव कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुनहगार विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग की है। पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को विनय की ओर से दाखिल याचिका में राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने के आधार पर फांसी पर रोक लगाने की अपील की गई है। वहीं, मामले में एक और दोषी पवन के नाबालिग होने को लेकर SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। पवन की ये याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।

दोषियों पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला तैयार कर लिया है। ऑर्डर पर जज का हस्ताक्षर बाकी है। कुछ देर में फांसी पर फैसला आ सकता है। कोर्ट अपने फैसले में तय करेगा कि दोषियों को फांसी देने की तारीख को बदला जाए या नहीं।

वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में फांसी अलग-अलग नहीं दी जा सकती है। नियम के हिसाब से भी किसी भी एक मामले में दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी सकती, जब तक कि सभी दोषियों की सभी याचिकाओं का निपटारा न हो जाए।

वकील वृंदा ग्रोवर ने 1981 के एक मामले का जिक्र किया, जिसमें 3 लोगों को फांसी की सजा दी गई थी। इस मामले में 2 लोगों ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई और उनको राष्ट्रपति ने माफ कर दिया था, लेकिन एक दोषी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका नहीं लगाई और उसे फांसी दे दी गई। एक ही मामले में एक को फांसी हुई। इसलिए उसके बाद से SC ने साफ किया किसी एक मामले में फांसी सभी दोषियों को एक साथ दी जाएगी।

वकील वृंदा ग्रोवर ने अपनी दलील में कहा कि 1981 के उस मामले में जिस एक को फांसी हुई, उनको देश की कोई भी अदालत बदल नहीं सकती। फांसी देने के बाद उसको बदला नहीं जा सकता, इसलिए 1 फरवरी को फांसी नहीं दी जा सकती। इस मामले में कहा जा रहा है कि मामले को लंबा खींचने के लिए याचिकाओं को लगाया जा रहा है। तो मैं बताना चाहूंगी कि रिकॉर्ड टाइम में क्यूरेटिव और दया याचिका लगाई गई है।

इस पर निर्भया के परिवार की वक़ील सीमा ने कहा कि वृंदा ग्रोवर इस मामले में मुकेश की तरफ से पेश हो रही है या फिर एमिकस क्यूरी के तौर पर पेश हो रही है। अगर मुकेश की तरफ से पेश हो रही है तो फिर उनको सुना ही नहीं जाना चाहिए, क्योंकि उसकी सभी याचिका खारिज हो चुकी है और अगर एमिकस के तौर पर पेश हो रही है तो फिर ये फांसी का विरोध कैसे कर सकती हैं, क्योंकि एमिकस का काम तो कोर्ट को असिस्ट करना होता है।

निर्भया की वकील सीमा ने कहा कि सभी दोषियों ने इस मामले को लंबा खींचने का लगातार सालों से कोशिश की है और अभी भी वहीं कर रहे है। इन लोगों ने कोई याचिका नहीं लगाई जब तक पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में डेथ वारंट जारी नहीं कर दिया।

मौत की सजा पाए दोषी विनय ने बुधवार को यह दया याचिका लगाई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल की तरफ से यह बताया गया कि विनय ने दया याचिका दाखिल की है और उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। कोर्ट ने विनय की दया याचिका पर तिहाड़ प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।

इससे पहले निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा देने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट दो बार डेथ वारंट जारी कर चुका है। पहले डेथ वारंट को भी दोषियों की कुछ अर्जियों का निपटारा नहीं होने के चलते कोर्ट को स्थगित करना पड़ा था और नया वारंट 1 फरवरी के लिए जारी किया गया है। विनय की यह याचिका दूसरी बार डेथ वारंट को स्थगित करने के लिए लगाई गई है।

दूसरी ओर, कल गुरुवार को निर्भया रेप और मर्डर के दोषियों में शामिल अक्षय की क्यूरेटिव याचिका को SC ने खारिज कर दी. पांच जजों की बेंच ने आज अक्षय की याचिका खारिज की।

विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका पहले ही SC खारिज कर चुका है। अक्षय तीसरा दोषी है जिसने इस विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए अर्जी लगाई। लेकिन गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद अब केवल एक दोषी पवन के पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का विकल्प है।

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