Himanta attack on Rahul Gandhi: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और गांधी परिवार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार खुद को देश से ऊपर मानता है। इससे भी आगे बढ़कर राहुल संघवाद के नाम पर देश को तोड़ने में लगे हुए हैं। वह कह रहे हैं कि यह देश नहीं है, बल्कि राज्यों का करार है। यह वही भाषा है जो उग्रवादी संगठन उल्फा की है।
हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) चाणक्यपुरी स्थित होटल अशोक में पांचजन्य और आर्गनाइजर के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘प्रखर पत्रकारिता के 75 वर्ष मीडिया महामंथन’ विषय पर आयोजित कान्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि असम में जनसांख्यिकी परिदृश्य बहुत बदल गया है। स्थिति यह है कि असम के मूल निवासी जनसंख्या में अल्पसंख्यक हो गए हैं।
असम में मदरसे बंद करने को सही बताते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा से ही समाज की तरक्की होगी। कहा कि मदरसा शब्द को ही खत्म कर देना चाहिए। ये ही समस्या की जड़ है। इससे शिक्षा में भेद है। हाई कोर्ट ने उनके फैसले को सही बताया और समाज ने भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी मातृ भाषा के साथ हिंदी भी पढ़नी चाहिए। असम के लोगों का अधिकार है कि वह उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में रोजगार के लिए जाएं, इसके लिए आवश्यकता है कि मातृभाषा के साथ हिंदी भी पढ़ें।
कान्क्लेव में वर्चुअली शामिल हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि कोई भी देश हमला कर के हमें जीत नहीं सकता है। इसलिए हमारी सभ्यता और संस्कृति पर छद्म हमला किया जा रहा है। पांच वर्षो के शासनकाल में हम पूरे उत्तर प्रदेश की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाए हैं। जिसके कारण उनके शासनकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ। इसके साथ ही उन्होंने डबल इंजन की सरकार (केंद्र में मोदी, राज्य में योगी) का जिक्र करते हुए क्रमवार तरीके से राज्य की विकास गाथा रखी।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (CM Pramod Sawant) ने पूरे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने की पैरोकारी की है। उन्होंने कहा कि गोवा में जब से आजादी मिली है, तब से हम लोग इसका पालन कर रहे हैं। उसमें कोई दिक्कत भी नहीं आ रही है। मुझे लगता है कि बाकी राज्यों को भी इसे अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवा को बीच, शराब और कैसीनो संस्कृति से आगे बढ़कर धार्मिक, सांस्कृतिक और चिकित्सा पर्यटन की पहचान देंगे।