CISF New DG Praveer Ranjan: भारत सरकार की अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट ने एजीएमयूटी कॉडर के आईपीएस अधिकारी प्रवीर रंजन को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की कमान सौंपी है. 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीर रंजन सीआईएसएफ के 32 डायरेक्टर जनरल यानी महानिदेशक होंगे. फिलहाल, वे सीआईएसएफ में ही स्पेशल डायरेक्टर जनरल के पद पर तैनात हैं और एयरपोर्ट सेक्टर को नई ऊंचाईयों को पहुंचाने की कवायद में जुटे हुए हैं. सीआईएसएफ महानिदेशक के तौर पर उनकी तैनाती 31 जुलाई 2029 तक इस पद पर रहेंगी.
ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स करने वाले आईपीएस प्रवीर रंजन ने दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से एलएलएम भी किया है. इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी व नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की है. प्रोफेशनल जर्नी की बात करें तो प्रवीर रंजन ने कई प्रमुख प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है. वे दिल्ली पुलिस के विशेष कमिश्नर और चंडीगढ़ के डीजीपी भी रह चुके हैं. दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान गठित एसआईटी के प्रमुख भी वही थे और उन्होंने कई संवेदनशील मामलों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
वह पुडुचेरी के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस भी रह चुके हैं और उनका एडमिनिस्ट्रेटिव और रिसर्च वर्क हमेशा सराहा गया है. उन्होंने दिल्ली दंगों की जांच, लाल किले पर सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसिंग को टेक्नोलॉजी के जरिए हाईटेक बनाने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उनकी लीडरशिप में कई ई-बुक सिस्टम, इ-बिट और 112 कंट्रोल रूम जैसे कई रिफार्म्स हुए हुए हैं. अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट ने अब उन्हें सीआईएसएफ महानिदेशक पद की कमान सौंपी है. सीआईएसएफ के मौजूदा महानिदेशक आरएस भट्टी 30 सितंबर 2025 को रिटायर हो रहे हैं. संभवत: इसी दिन प्रवीर रंजन सीआईएसएफ महानिदेशक का चार्ज लेंगे.
आईपीएस प्रवीर रंजन से जुड़ी कुछ खास उपलब्धियां
चंडीगढ़ के डीजीपी रहते उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण और सामुदायिक जुड़ाव के कई नए प्रोग्राम शुरू किए. इन प्रोग्राम्स में समावेश, स्वयं, साइबर स्वच्छता मिशन, ऊर्जा और स्टूडेंट पुलिस कैडेट प्रोग्राम शामिल है.
उनकी पहल पर चंडीगढ़ पुलिस में कई डिजिटल सेवाएं शुरू की गई. इन सेवाओं में SenCOPS, इंटीग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर (ICCC), क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एण्ड सिस्टम (CCTNS), इंटर ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (ICJS), ई-एफआईआर (E-FIR), इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS), ई-बीट, इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम -112 (ERSS-112) शामिल है. इसके अलावा, पासपोर्ट वेरिफिकेशन समेत करीब 14 पुलिस सेवाओं का डिजिटलीकरण भी हुआ.
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (क्राइम) के रूप में उन्होंने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की एसआईटी का नेतृत्व किया.
उन्होंने लाल किले पर 26 जनवरी को हुई हिंसा, किसान आंदोलन और चर्चित ‘टूलकिट’ केस सहित राजधानी के कई संवेदनशील और चर्चित मामलों की जांच का सफल नेतृत्व किया.
उनके नेतृत्व में पुलिस-पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने हेतु कई प्रोग्राम और कैंपेन शुरू किए गए, जिससे पुलिस का आम जनता के साथ संवाद बेहतर हुआ.