क्या चीन में सरहद पार से आ रही Coronavirus की दूसरी खेप

जब पूरी दुनिया में Coronavirus का हाहाकार मचा है, चीन ने अपने सबसे ज्यादा प्रभावित शहर वुहान से Lockdown हटाना शुरू कर दिया। हालांकि, COVID-19 का इन्फेक्शन झेलने वाले चीन की मुसीबत अभी तक खत्म नहीं हुई है, क्योंकि अब यहां के एक और प्रांत में वुहान जैसे हालात देखे जा रहे हैं। उत्तरी चीन के हेलोनजियांग प्रांत में अब तक 300 से ज्यादा CORONA पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से ज्यादातर दूसरे देशों से आए हुए हैं। इनके अलावा ऐसे मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है जिनमें मरीज में लक्षण ही नहीं होते हैं। ऐसे में यहां हजारों हॉस्पिटल बेड्स तैयार किए जा रहे हैं।

हेलोनजियांग प्रांत के सुइफिन शहर को 7 अप्रैल को Lockdown कर दिया गया था। इसकी सीमा रूस से सटी है। रूस आने-जाने के हवाई रास्ते पर तो रोक लगा दी गई है लेकिन सड़कें अभी तक खुली हैं। इसके चलते वहां से लोग अभी भी यहां दाखिल हो रहे हैं। सोमवार को हेलोनजियांग में पाए गए 79 नए मामले ऐसे लोगों के थे जो रूस से वापस लौटे थे। इससे पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो 27 मार्च से लेकर 9 अप्रैल तक करीब 100 केस बाहर से आए हुए लोगों के थे जबकि 148 केस ऐसे लोगों के थे जिनमें लक्षण नहीं थे। इस दौरान सिर्फ 3 स्थानीय केस देखे गए।

सुइफिन में 600 बेड का अस्थायी अस्पताल तैयार किया जा रहा है। करीब 70,000 लोगों को Lockdown में रखा गया है। हर घर से सिर्फ एक शख्स को 3-3 दिन पर घर से बाहर जरूरी सामान लाने के लिए जाने की इजाजत होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक हेलोनजियांग में दूसरी जगहों पर करीब 4,000 बेड के अस्पताल बनाए जाने का प्लान है। इसके अलावा करीब 1,100 सदस्यों वाली एक मेडिकल सपॉर्ट टीम भी तैयार की जाएगी जिसके लिए आवेदन मांगे गए हैं।

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्ट रॉबर्ट रेडफील्ड के मुताबिक इन्फेक्शन के शिकार हुए करीब 25% मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखता है। ऐसे मामलों में की बार इन्फेक्शन फैलने के 48 घंटे बाद लक्षण दिखने शुरू होते हैं। यहां तक कि ठीक होने के बाद भी लोग पॉजिटिव टेस्ट किए गए हैं। चीन ने हालिया आंकड़ा जारी करते हुए ऐसे मामलों को शामिल नहीं किया था जिनमें लक्षण नहीं देखे गए। चीन में अब तक 82,249 पॉजिटिव लोगों में से 77,738 लोग ठीक हो चुके हैं।

हेलोनजियांग के स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन असल हालात पर पर्दा डालने के लिए ऐसा कह रहा है कि अब सामने आ रहे केस दूसरे देशों से आ रहे हैं। उनका कहना है कि अगर यह स्वीकार किया गया कि स्थानीय स्तर पर इन्फेक्शन फैल रहा है तो यह साबित हो जाएगा कि दरअसल, वायरस को फैलने से रोका नहीं जा सका है।

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