Chhindwara News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कई बच्चों की वायरल फीवर के बाद किडनी खराब होने से मौत हो गई है. यह दर्दनाक घटना थमने का नहीं ले रही है. छिंदवाड़ा में गुरुवार (2 अक्टूबर) की देर रात हुई एक मौत को मिलाकर अब तक 9 मौतें हो चुकी हैं. परासिया एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि अभी हमने प्रीकॉशनरी तौर पर यह कार्रवाई की है. हमारे पास 1420 बच्चों की लाइन लिस्ट है, जो सर्दी, बुखार और जुकाम से ग्रसित रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने बनाया यह प्रोटोकॉल
शुभम यादव ने जानकारी दी कि एक प्रोटोकॉल बनाया गया है. अगर कोई बच्चा दो दिन से ज्यादा बीमार रहता है तो उसे सिविल हॉस्पिटल में 6 घंटे मॉनिटरिंग में रखा जा रहा है. तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल रेफर किया जाता है और ठीक होने पर घर भेज दिया जाता है. इसके बाद भी आशा कार्यकर्ताओं से उनकी मॉनिटरिंग करवाई जाती है.
इसके अलावा, पानी और मच्छरों संबंधी जांच करवाई है, जो नॉर्मल आई है. उन्होंने बताया कि एक सैंपल हमारा नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी गया था, वह भी नॉर्मल आया है. पानी के सैंपल जांच के लिए CSIR भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है.
वायरल फीवर वाले मरीज सीधा सिविल अस्पताल जाएं
अभी तक जिन 9 बच्चों की मृत्यु हुई है, उनमें से 5 बच्चों की कोल्ड रिफ और 1 बच्चे की नेस्ट्रो सिरप लेने की हिस्ट्री मिली है. अभी हमने सभी प्राइवेट डॉक्टरों को एहतियात बरतने के लिए कह दिया है कि अगर वायरल वाला पेशेंट आता है तो उसे अटेंड न करें, बल्कि सीधे सिविल अस्पताल भेजें और सिस्टम को हैंडल करने दें.
जानकारी के लिए बता दें कि सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से बच्चों की मौत हुई थी. बच्चों की मौत के बाद पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए जबलपुर पहुंची है. जबलपुर के कटारिया फार्मास्यूटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर पर ड्रग और औषधि विभाग का छापा पड़ा. कटारिया फार्मास्यूटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर ने छिंदवाड़ा में कफ सिरप सप्लाई किए थे.
छिंदवाड़ा के एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंव जनरल स्टोर्स में सप्लाई की थी. कटारिया फार्मास्यूटिकल्स ने चेन्नई की कंपनी से मंगाई थी 660 कोल्ड्रिफ कफ सिरप, जिसमें 594 बॉटल कफ सिरप छिंदवाड़ा में सप्लाई की गई थी. बची हुई 66 बॉटल को फ्रीज करते हुए 16 बॉटल सैंपल भोपाल लैब जांच के लिए गए भेजे गए थे. छिंदवाड़ा, जबलपुर मंडला और बालाघाट के ड्रग और औषधि विभाग के अधिकारी इस टीम में शामिल हैं.