Chhath Puja 2025: छठ पर्व में गन्ने का विशेष स्थान होता है. छठ पूजा के प्रमुख प्रसाद में गन्ने को चढ़ाया जाता है. छठ पूजा में घर के आंगन में पत्तों वाले गन्ने से छतरनुमा आकृति बनाई जाती है या मंडप जैसा बनाया जाता है, उसी में छठ पूजा के लिए कोसी रखी जाती है. फिर पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है. ऐसा विशेष रूप से तब किया जाता है जब छठ पर्व पर कोसी भरने की परंपरा निभाई जाती है.
लोक मान्यता है कि गन्ने से बना यह मंडप छठी मैया को अत्यंत प्रिय होता है. ऐसा करने से माता प्रसन्न होकर घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. गन्ना एक सख्त और पवित्र पौधा है, जिसे पशु-पक्षी जूठा नहीं कर पाते. इसी पवित्रता के कारण छठी मैया को गन्ना प्रिय माना गया है.
गन्ने के बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है. यह फल छठी मइया को बेहद प्रिय होता है. यह उस मौसम का प्रमुख फसल भी होता है. यह फसल किसानों की समृद्धि का भी प्रतीक होता है.
ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा में गन्ना रखने से परिवार के लोगों में खुशहाली बनी रहती है और यह सुख समृद्धि का प्रतीक भी होता है.
गन्ने के रस या गुड़ से खरना का प्रसाद बनाया जाता है. इससे प्रसाद की शुद्धता बनी रहती है. गन्ने का कोई भी प्रसाद चीनी में नहीं बनाई जाती है. इसलिए इसका छठ पूजा में विशेष महत्व होता है.
छठ पूजा विशेष रूप से सूर्य देव और प्रकृति को समर्पित होता है. इसलिए भी गन्ने का महत्व बढ़ जाता है. गन्ने को कोई जूठा नहीं कर सकता और छठ पूजा में नई फसल का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है. इसलिए गन्ने को विशेष तौर छठी मइया पर चढ़ाने की परंपरा है.

