Champa Shashti 2025: चंपा षष्ठी के दिन महाराष्ट्र में लोग श्रद्धा भाव से खंडोबा भगवान की पूजा करते हैं. यह पावन दिन आध्यात्मिक महत्व से भरपूर है.
भक्त पहले से ही इसकी तैयारी कर लेते हैं. इस साल यह पर्व पूरे धूमधाम से 26 नवंबर को मनाई जाएगी. इसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है. पंचांग के अनुसार इस साल की चंपा षष्ठी बेहद खास है क्योंकि यह खगोलीय संयोग के साथ जुड़ा हुआ है.
बन रहा दुर्लभ संयोग
इस दिन शतभिषा नक्षत्र और वैधृति योग का बनना इसे और भी शुभ बना देता है. मान्यता है कि जब ये योग रविवार या मंगलवार को एक साथ पड़ता है तो वह दिन बेहद शक्तिशाली बन जाता है.
इस दिन खंडोबा भगवान की पूजा करने से भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होती है. ऐसा दुर्लभ संयोग जीवन में बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं.
चंपा षष्ठी का महत्व
महाराष्ट्र की भक्ति परंपराओं में चंपा षष्ठी का विशेष स्थान है. यह दिन पवित्रता, अनुशासन और ईश्वरीय कृपा का प्रतीक माना जाता है.
भक्त इस दिन भगवान खंडोबा की पूजा करते हैं और आंशिक या पूर्ण व्रत रखते हैं. खंडोबा को साहस, विजय और परिवार की सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है.
यह व्रत नकारात्मकता दूर करने, पुरानी समस्याओं से राहत पाने और मानसिक शांति के लिए भी किया जाता है. इस दिन सुरक्षा और सुख समृद्धि की कामना की जाती है.
शुभ मुहूर्त: 26 नवंबर 2025 बुधवार को चंपा षष्ठी मनाई जाएगी. इस साल 2025 में 25 नवंबर 10:55 बजे षष्ठी तिथि की शुरुआत होगी.
वहीं 26 नवंबर 11:55 बजे षष्ठी तिथि समाप्त होगी. इस बीच भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति से व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और कार्तिकेय भगवान की पूजा करते हैं.
पूजा विधि
इस दिन भक्त सुबह में उठ कर स्नान के बाद पूजा का संकल्प लेते हैं.
इस दिन भगवान खंडोबा को हल्दी, कुमकुम, फूल, नारियल और प्रसाद अर्पित किया जाता है.
घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है.
मंत्र-जाप और खंडोबा प्रार्थनाएं पूरे महाराष्ट्र में किया जाता है.
कई जगहों पर विशेष आयोजन भी होता है.
मुख्य पूजा शुभ मुहूर्त में की जाती है और उसके बाद ही व्रत खोला जाता है.
असाध्य बीमारियों से निजात की कामना
खंडोबा भगवान की पूजा करने से घर में शांति बनी रहती है. परिवार में तरक्की आती है और सुरक्षा बनी रहती है. इस दिन भक्त परिवार के लिए समृद्धि की कामना करते हैं.
इस दिन पूजा के दौरान खास कर असाध्य बीमारियों से छुटकारा की कामना की जाती है जिसे भगवान पूरा भी करते हैं. शुभ तिथि और योगों के मेल से यह दिन और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया है.

