Kisan Andolan 2024: जहां एक तरफ काफी किसान शंभू बॉर्डर पहुंचे हैं. वहीं, यहां से 10 किमी की दूरी पर भी एक किसानों का बड़ा काफिला बॉर्डर की तरफ बढ़ रहे हैं. फतेहगढ़ साहिब से ये किसान आ रहे हैं. शंभू बॉर्डर पर काफी हलचल हो रही है.
किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के चलते हरियाणा के शंभू बॉर्डर (Shambu Border) पर हंगामा हुआ है. हरियाणा पुलिस की तरफ से टियर गैस के गोले छोड़े गए. इस दौरान मौके पर अफरातफरी मच गई है. दोपहर 12 बजे के करीब किसान (Farmers) बॉर्डर से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अब लगातार पुलिस आंसू गैस (Tear Gas) के गोले पुलिस ने छोड़े हैं. अब यहां पर जंग जैसे हालात हो गए हैं और हालात बेकाबू होने लगे हैं.
जानकारी के अनुसार, शंभू बॉर्डर पहुंचे नौजवानों ने बैरिकेड्स को मौके से उठाया तो पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की है. पुलिस ड्रोन के जरिये बॉर्डर से दूसरी तरफ नजर बनाए हुए थी. वहीं, करीब साढ़े 12 के करीब ड्रोन से भी टियर गैस के गोले छोड़े गए हैं. हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. हरियाणा पुलिस ने घोषणा की और कहा कि ‘जब तक किसान नेता नहीं आ जाते हैं किसी को बढ़ने नहीं दिया जाएगा. अगर किसी को एसपी या डीसी से बात करनी हो, तो इस9729990500’ नंबर पर सपंर्क किया जा सकता है.
मौके पर पहुंचे नौजवान और अन्य लोग मुंह पर रुमाल बांधे हुए हैं और आंसू गैस के असर से बचने के लिए यह इंतजाम प्रदर्शनकारियों की तरफ से किए गए हैं. साथ ही मौके पर पानी के टैंकर भी रखे गए हैं, ताकि आंसू गैस का असर कम किया जा सके. पुलिस ने करीब 15-20 मिनट तक टियर गैस के गोले छोड़े हैं और इस कारण किसान मौके से करीब 100 मीटर पीछे चले गए हैं.
हालांकि, आगे जाने की कोशिशें हो रही हैं. लेकिन जैसे ही कोई भी आगे बॉर्डर की तरफ बढ़ता है तो पुलिस गोले छोड़ती है. किसान जैसे ही टियर गैस के गोले आसपास गिरते हैं तो उस पर मिट्टी भी डाल रहे हैं, ताकि उसका असर कम किया जा सके. इधर, अंबाला रेंज के आईजी सिबास कविराज का कहना है कि अगर किसान ट्रेक्टर लेकर आगे जाएंगे तो, नहीं जाने देंगे. लेकिन अगर वे बस या ट्रेन से जाएगे तो उनका स्वागत है.
इससे पहले, अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसान पहुंचे थे. यहां पर सीमा से पहले ट्रैक्टर ट्रालियों का काफिला रुक गया था. साथ ही पुलिस ने कई किसानों को डिटेन किया था. फिलहाल, शंभू बॉर्डर पर काफी गहमागहमी है. यहां पर लगातार किसानों की संख्या भी बढ़ रही है.