मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द कर दी गई है.केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से राज्यपाल को इस बाबत पत्र भेज दिया है. झारखंड के सियासत से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने झारखंड खनन मामले हेमंत मामले को लेकर राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब जल्द ही इस मामले में बड़ा फैसला सामने आ सकता है. सूत्रों के अनुसार हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द हो सकती है. बताया जा रहा है कि राज्यपाल जल्द ही इस मामले में बड़ा फैसला सुना सकते हैं.
बता दें, अब ऐसे में झारखंड की हेमंत सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. अगर हेमंत सोरेन की विधायकी जाती है तो उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ेगा. वैसी स्थिति में झारखंड में जल्द ही किसी और मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि केन्द्रीय चुनाव आयोग इस मामले पर कुछ साफ साफ नहीं बता रहा है. राजभवन से कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है.
दरअसल रांची के अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर खदान लीज के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले कुछ माह से चर्चा में है. बीजेपी ने इस मामले को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जोड़ते हुए राज्यपाल से शिकायत की थी. इसी शिकायत के आलोक में राज्यपाल ने चुनाव आयोग से राय मांगी है. 18 अगस्त को इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई और दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन से जुड़ा मामला भी चुनाव आयोग के समक्ष है. हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के नाम पर पत्थर खदान लीज की शिकायत झारखंड बीजेपी नेताओं ने चुनाव आयोग से की थी. झारखंड प्रदेश भाजपा की तरफ से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत मुख्यमंत्री को विधायकी से अयोग्य ठहराने के लिये राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया था. फिलहाल यह पूरा मामला चुनाव आयोग के समक्ष है.
मालूम हो कि राज्यपाल रमेश बैस चंद रोज पहले ही दिल्ली चले गए थे। वहां उनकी मुलाकात पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी होने वाली थी। यह मुलाकात हुई या नहीं, इस बारे में अभी तक राजभवन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। दिल्ली जाते समय राजभवन ने कहा था कि राज्यपाल निजी काम से दिल्ली जा रहे हैं। अब जानकारी मिल रही कि राज्यपाल रमेश बैस आज गुरुववार दोपहर बाद रांची पहुंचने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा कि उनके आने के बाद चुनाव आयोग की रिपोर्ट से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया जाएगा। अगर हेमंत सोरेन के पक्ष में फैसला नहीं आता है तो झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को मुख्यमंत्री पद के लिए नया नेता का चुनाव करना पड़ सकता है।