बॉलीवुड सितारों के सदाबहार फिल्मी डायलॉग्स की बात चलती है तो सबसे पहले एक ही नाम दिमाग में आता है, और वो है ‘खामोश…’। भले ही छोटा सा एक शब्द है ये मगर फिल्म में गजब की छाप छोड़ जाता था, या यूं कहें कि पूरी फिल्म में जान डाल देता था। अब जब सबको ‘खामोश…’ याद है तो इसे अपने ही सिग्नेचर स्टाइल में बोलने वाले बॉलीवुड के बिहारी बाबू शॉटगन भी याद होंगे।
शत्रुघ्न सिन्हा हिन्दी सिनेमा के उन एक्टर्स में से एक हैं, जिनका कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं, उन्होंने अपना दम पर एक मुकाम हासिल किया है। सिर्फ एक्टर के तौर पर नहीं बल्की एक राजनेता के रुप में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने खुद को स्थापित किया। बिहार की राजधानी पटना में 9 दिसंबर 1945 को जन्मे शत्रुघ्न बिहारी बाबू के नाम से खूब मशहूर हुए उनके पिता एक डॉक्टर थे और अपने चार भाइयों में वो सबसे छोटे हैं। तीन बड़े भाइयों का नाम राम, लखन और भरत है तो जाहिर सी बात है कि सबसे छोटे बेटे के हिस्से में शत्रुघ्न नाम ही आना था।
मेरे अपने, विश्वनाथ, दोस्ताना, कालीचरण, नसीब, काला पत्थर, क्रांति और लोहा जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन एक्टिंग ने शत्रुघ्न सिन्हा ने लाखों को अपना दीवाना बनाया।