अफगानिस्तान में बुधवार को बड़ा विस्फोट हुआ है, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है और 27 घायल हो गए हैं. यह बम धमाका अफगानिस्तान के समांगन प्रांत के मध्य में स्थित ऐबक शहर में हुआ है. यह जानकारी स्थानीय टेलीविजन चैनल टोलोन्यूज ने दी है. रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के एक अधिकारी ने कहा कि उत्तरी अफगानिस्तान में एक मदरसे में हुए बम विस्फोट में कम से कम 10 छात्रों की मौत हो गई. धमाका दोपहर की नमाज के दौरान हुआ.
वहीं, आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि उत्तरी समांगन प्रांत की राजधानी ऐबक में हुए विस्फोट में कई अन्य घायल हो गए. प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए फुटेज में एक हॉल में खून से लथपथ शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. कुछ स्थानीय मीडिया का कहना है कि तालिबान के अधिकारियों ने लोगों को धमाके वाली जगह पर वीडियो बनाने से रोक दिया है और किसी भी आम नागरिक को जाने की इजाजत नहीं है. अभी तक किसी संगठन ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है.
अफगानिस्तान में ISIS लगातार मस्जिदों को बना रहा निशाना
तालिबान के प्रतिद्वंद्वी आईएसआईएस ने अक्सर मस्जिदों और नमाज के समय विस्फोट किए है. उन्होंने खासकर अफगानिस्तान के शिया समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाया है. अगस्त में काबुल की एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट में 21 लोग मारे गए थे. दरअसल, एजुकेशल सेंटर भी बमबारी के लिए टारगेट बन गए हैं. अक्टूबर में, काबुल के हजारा में एक स्कूल पर आत्मघाती हमले में 52 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर युवा लड़कियां थीं.
तालिबान की सत्ता आने के बाद अफगानिस्तान में बढ़े धमाके
पिछले साल अमेरिका समर्थित असैन्य सरकार को सत्ता से तालिबान ने हटा दिया और अफगानिस्तान को नियंत्रण में ले लिया, जिसके बाद से विस्फोट और हिंसा एक रेगुलर समस्या बन गई. राइट ग्रुप्स का कहना है कि तालिबान ने लोगों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने के लिए कई प्रतिज्ञाएं तोड़ी हैं.

