BJP-शिवसेना में 50-50 फॉर्मूले पर फंसा पेच, सरकार बनेगी कैसे?

बीजपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिलने के बावजूद महाराष्ट्र में नई सरकार शपथ नहीं ले पा रही है. 24 अक्टूबर को आए नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ऐलान किया था कि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की अगुवाई में महाराष्ट्र विकास करेगा. हालांकि इन सबके बीच बीजेपी और शिवसेना में 50-50 फॉर्मूले को लेकर खींचतान जारी है और सरकार गठन पर पेच फंसा है. बीजेपी और शिवसेना चुनाव तो साथ-साथ लड़े मगर अब शिवसेना ने अपने तेवर कड़े कर लिए हैं. वजह यह है कि शिवसेना ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है, क्योंकि उद्धव अपने बेटे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं और इससे जुडे पोस्टर आपको मुंबई की सड़कों पर खूब दिख जाएंगे.

शिवसेना बीजेपी को करीब-करीब धमकाते हुए यह भी कह रही है कि उसके पास कई विकल्प हैं. आपको बताते हैं महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कितने विकल्प हो सकते हैं. सबसे पहले आंकड़ों की बात की जाये तो महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 145 है. बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं. बाकी 13 सीटों पर छोटी पार्टियां जीती हैं और 12 पर निर्दलीय.
सरकार बनाने का पहला विकल्प है कि बीजेपी और शिवसेना मिलकर सरकार बना लें. दोनों को मिलाकर 161 सीटें होती हैं जो बहुमत से 16 सीट अधिक है, हां यहां ये हो सकता है कि ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला हो सकता है, जिसमें बीजेपी और शिवसेना बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करे. ऐसा शिवसेना चाहती है. दूसरा विकल्प है कि मुख्यमंत्री BJP का हो और उपमुख्यमंत्री शिवसेना का. राज्य में 40 फीसदी मंत्री शिवसेना का हो और दिल्ली में भी मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्रियों की संख्या बढाई जाए. ऐसा बीजेपी चाहती है.

तीसरा विकल्प है कि शिवसेना एनसीपी के सर्मथन से सरकार बनाए और कांग्रेस विश्वासमत से गैरहाजिर रहे. ऐसे में शिवसेना और एनसीपी के पास 110 सीटें होंगी और उसे निर्दलीय और छोटे दलों का सर्मथन चाहिए होगा. चौथा विकल्प है एनसीपी के शरद पवार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस और शिवसेना पवार को सर्मथन दे. इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है खासकर तब जब सामना में शिवसेना ने शरद पवार के शान में कसीदें लिखें हैं.

पांचवां विकल्प है कि शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस अपना सर्मथन दे दे. तीनों को मिलाकर 154 सीटें होती हैं जो बहुमत से नौ ज्यादा है. मगर इसमें कांग्रेस को दिक्कत आ सकती है. छठा विकल्प है बीजेपी और एनसीपी मिलकर सरकार बना लें. दोनों को मिलाकर 159 सीटें होती हैं जो बहुमत से 14 सीटें अधिक है. एनसीपी और बीजेपी का नजदीक आना कोई बड़ी बात नहीं हो सकती है. कई बार दोनों के बीच रणनितिक साझेदारी हो चुकी है और सांतवां विकल्प है कि सरकार बीजेपी बनाए जो कि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उसका हक है और एनसीपी मतदान के दौरान गैरहाजिर रहे. तब बहुमत के लिए 118 विधायकों की जरूरत होगी जो निर्दलीय और छोटी पार्टियों की मदद से पूरी की जा सकती है.

महाराष्ट्र में सरकार पर सस्पेंस जबतक बना रहेगा इस तरह के विकल्पों पर चर्चा होना लाजमी है. सबसे अच्छा होगा कि शिवसेना और बीजेपी अपने मतभेद भुला लें और सरकार बना लें भले ही दोनों को एक-एक कदम पीछे ही क्यों ना खींचना पड़े।

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