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बिहार पुलिस को मिलेंगे इतने प्रशिक्षित कुत्ते, ड्रग्स, बम और शराब पकड़ेंगे झटपट

बिहार पुलिस के श्वान दस्ते (Dog Squad) की ताकत जल्द ही और बढ़ने वाली है. राज्य पुलिस में सुरक्षा और अपराध नियंत्रण की क्षमता को मजबूत करने के लिए 30 नए प्रशिक्षित कुत्तों को दस्ते में शामिल किया जाएगा. यह जानकारी बुधवार को पटना में अतिरिक्त महानिदेशक (सीआईडी) प्रशांत कुमार ने दी.

प्रशांत कुमार ने बताया कि फिलहाल इन कुत्तों को हैदराबाद के मोइनाबाद स्थित इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस ट्रेनिंग एकेडमी (IITA) में प्रशिक्षित किया जा रहा है. अगले दो से तीन महीनों में यह सभी कुत्ते बिहार लौटेंगे और श्वान दस्ते का हिस्सा बन जाएंगे.

इन कुत्तों के शामिल होने से दस्ते की कुल संख्या 97 हो जाएगी. वर्तमान में बिहार पुलिस के पास 67 प्रशिक्षित कुत्ते हैं, जबकि स्वीकृत संख्या 200 है.

50 अतिरिक्त कुत्तों की खरीद की प्रक्रिया शुरू
प्रशांत कुमार ने आगे बताया कि दस्ते का दायरा और जिम्मेदारी बढ़ने के कारण इसमें कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है. इसी क्रम में पंजाब स्थित होमगार्ड प्रशिक्षण संस्थान से 50 अतिरिक्त कुत्तों की खरीद की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. यह प्रक्रिया भी अगले कुछ महीनों में पूरी कर ली जाएगी.

वर्तमान में दस्ते में मौजूद 67 कुत्तों में से 19 कुत्तों को विस्फोटक सामग्री की पहचान करने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. 21 कुत्तों को अपराधियों का पीछा करने की कला सिखाई गई है, जबकि 21 कुत्ते शराब की पहचान करने में माहिर हैं. इसके अलावा छह कुत्ते मादक और मन:प्रभावी पदार्थों का पता लगाने में दक्ष हैं.

दस्ते में इन कुत्तों को किया गया शामिल
बिहार पुलिस के श्वान दस्ते में विभिन्न नस्लों के कुत्ते शामिल हैं. इनमें 55 लैब्राडोर, छह बेल्जियन मालिनोइस, चार जर्मन शेफर्ड और दो गोल्डन रिट्रीवर हैं. ये सभी कुत्ते फिलहाल राज्य के अलग-अलग पुलिस रेंज मुख्यालयों में तैनात हैं.

इन कुत्तों को वीवीआईपी कार्यक्रमों के सुरक्षा में लगाया जाएगा
एडीजी ने कहा कि इन कुत्तों का उपयोग केवल अपराध और मादक पदार्थों की पहचान तक सीमित नहीं है, बल्कि इन्हें वीवीआईपी कार्यक्रमों के सुरक्षा निरीक्षण में भी लगाया जाता है. हाल के दिनों में कुत्तों की मदद से अवैध शराब की कई खेपों का सफलतापूर्वक पता लगाया गया और उन्हें जब्त किया गया.

उन्होंने यह भी कहा कि श्वान दस्ते के महत्व को देखते हुए आने वाले समय में इसकी क्षमता को दोगुना करने की योजना है. प्रशिक्षित कुत्तों की संख्या बढ़ने से अपराधों की जांच, मादक पदार्थों की पहचान और सुरक्षा से जुड़े कार्यों में बिहार पुलिस को और मजबूती मिलेगी.

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