Bihar Chunav: बिहार की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आई है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और संस्थापक सदस्य रंजीत चंद्रवंशी ने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार को उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन से मुलाकात कर औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे के साथ ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए. जिससे पार्टी के भीतर की अंतर्कलह एक बार फिर उजागर हो गई है.
इस्तीफे के पीछे के कारण
कार्यकर्ताओं की अनदेखी: रंजीत चंद्रवंशी ने कहा कि पार्टी में लंबे समय से जुड़े पुराने और जमीनी कार्यकर्ताओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है. उनका कहना है कि मेहनती कार्यकर्ताओं की आवाज अब पार्टी फोरम तक नहीं पहुंच पाती, जिससे संगठन कमजोर हो रहा है.
परिवारवाद का आरोप: उन्होंने सीधे तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन पर हमला बोला और आरोप लगाया कि पार्टी अब पूरी तरह “परिवार केंद्रित” हो गई है. चंद्रवंशी के मुताबिक, “हम” अब जनता की पार्टी नहीं रह गई है, बल्कि एक परिवार की राजनीतिक महत्वाकांक्षा का माध्यम बनकर रह गई है.
NDA से टिकट मांगने की शैली पर नाराजगी: रंजीत चंद्रवंशी ने यह भी कहा कि जिस तरह से जीतन राम मांझी एनडीए से सीटों के लिए मोलभाव कर रहे हैं, वह पार्टी की गरिमा और आत्मसम्मान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पार्टी को आत्मनिर्भर राजनीतिक ताकत बनने की दिशा में काम करना चाहिए था, न कि सीटों के लिए सौदेबाजी में उतरना चाहिए था.
चुनाव से पहले बड़ा झटका
रंजीत चंद्रवंशी का इस्तीफा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं और संगठन निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. चुनाव से ठीक पहले इस तरह एक वरिष्ठ नेता का पार्टी छोड़ना हम के लिए न केवल संगठनात्मक संकट पैदा करेगा, बल्कि पार्टी की छवि और एकता पर भी असर डाल सकता है.