Bihar Election 2025: बिहार चुनाव के बीच महागठबंधन में पड़ती दरार और भर गई है और विपक्षी गठबंधन ने सभी बड़े फैसले सर्वसम्मित से कर लिए हैं. मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को प्रोजेक्ट किया गया है. जाहिर है कि कांग्रेस और आरजेडी के बीच जो असहमति बन रही थी, उसे भी सुलझा लिया गया है.
इसको लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बिहार चुनाव प्रभारी अशोक गहलोत ने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बात की और बड़ा खुलासा किया है.
तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा बनाने और इस फैसले में इतनी देरी होने को लेकर जब अशोक गहलोत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “तेजस्वी का नाम पहले से ही तय था, सिर्फ सही समय का इंतजार किया जा रहा था. अशोक गहलोत ने दावा किया कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने बहुत सूझबझ के साथ फैसला लिया है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक गठबंधन में कई पार्टियां होती हैं. सबकी सहमति बनने के बाद ही औपचारिक ऐलान किया जाता है. अशोक गहलोत ने दावा किया कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने बहुत सूझबझ के साथ फैसला लिया है. पहले फीडबैक लिया गया, उसपर विचार किया गया और फिर सबकी सहमति के बाद तेजस्वी यादव को लॉन्च किया गया.
NDA के दावे को अशोक गहलोत ने किया खारिज
बिहार में NDA बार-बार यह आरोप लगा रही थी- ‘महागठबंधन में सहमति नहीं बन पा रही है. विपक्ष यह तक नहीं बता पा रहा है कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ रहा है. वो तेजस्वी यादव ही थे, जिन्होंने गठबंधन पर दबाव बनाया कि पहले उन्हें सीएम चेहरा घोषित किया जाए, तभी समझौता होगा.’ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने इस बात को खारिज कर दिया. उन्होंने जानकारी दी कि तेजस्वी यादव ने ऐसा कभी नहीं कहा कि पहले या बाद में उन्हें सीएम चेहरा घोषित किया जाए. ये सब दावे कर के अनावश्यक विवाद खड़े किए जा रहे थे.
’20 साल के सीएम नीतीश कुमार अब नहीं कर पा रहे काम’
एनडीए पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा, “झूठा प्रचार किया गया कि इंडिया गठबंधन टूट गया है. ये सब बीजेपी-आरएसएस के लोगों की चाल थी. ऐसा माहौल बनाया गया महागठबंधन एकजुट नहीं है. 20 साल से सीएम बने बैठे नीतीश कुमार असल में काम भी नहीं कर पा रहे हैं. चुनाव जीतने के लिए केवल बीजेपी उनका इस्तेमाल कर रही है.”

