बिहार के लिए बुधवार का दिन राजनीतिक रूप से काफी उथल-पुथल वाला रहने की उम्मीद है. विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 24 अगस्त से शुरू होने जा रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी. दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष को लेकर लगातार रस्साकशी चल रही है. सबकी निगाहें स्पीकर विजय सिन्हा पर टिकी हैं कि वह अपना पद छोड़ते हैं या नहीं. पद से न हटने की स्थिति में सत्ता पक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. इन सबके बीच उपमुख्यमंत्री और राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के सभी एमएलए के लिए व्हिप जारी किया है. सभी विधायकों को सदन की कार्यवाही शुरू होने से लेकर उसके अंत होने तक मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है.
बिहार विधानसभा की कुल क्षमता 243 विधायकों की है, लेकिन फिलहाल 241 सदस्य ही हैं. विधानसभा की 2 सीटें रिक्त हैं. इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के एकमात्र विधायक ने विश्वास मत के दौरान महागठबंधन सरकार के पक्ष में वोट करने की बात कही है. इस तरह सदन में महागठबंधन के पक्ष में कुल 165 विधायक हो जाएंगे. इससे पहले महागठबंधन में शामिल सभी दलों के विधायकों के साथ ही एक निर्दलीय को मिलाकर 164 विधायक थे. निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने सरकार का समर्थन करने का ऐलान किया था. बता दें कि बिहार विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या को देखते हुए साधारण बहुमत के लिए 121 विधायकों की जरूरत है.
किसके कितने विधायक
विधानसभा में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद सबसे बड़ी पार्टी है. राजद के 79 विधायक हैं, जबकि सहयोगी जेडीयू के 45 एमएलए हैं. इसके अलावा कांग्रेस के 19, वामपंथी दलों के 16, जीतन राम मांझी की पार्टी हम के 4 और AIMIM के 1 विधायक हैं. ऐसे में नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार को जादुई आंकड़े तक पहुंचने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
राजद विधायकों के लिए व्हिप
RJD विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है. विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सदन की बैठक में सभी विधायक को आरंभ से लेकर अंत तक मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. तेजस्वी यादव ने विधायकों को निर्देश दिया कि वे सदन के अंदर बिहार विधानसभा अध्यक्ष को उनके पद से हटाए जाने से संबंधित संकल्प, वर्तमान महागठबंधन सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव, विधायी कार्य एवं अन्य राजकीय कार्य के दौरान मत विभाजन की स्थिति में सरकार के पक्ष में मतदान करें.