रेलवे बोर्ड ने ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) को लेकर बड़ा खुलासा किया है। बोर्ड ने कहा कि सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी, जबकि मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी।
कोरोमंडल एक्सप्रेस को मिला था ग्रीन सिग्नल
रेलवे बोर्ड के संचालन और व्यवसाय विकास सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि मालगाड़ी लूप लाइन पर खड़ी थी, इसके बावजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल मिला। इसके चलते कोरोमंडल ट्रेन पटरी से उतर गई।उन्होंने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया, जिसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।
केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस हुई दुर्घटना का शिकार’
जया वर्मा ने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, ”सिग्नलिंग के साथ कुछ समस्या रही है। हम अभी भी रेलवे सुरक्षा आयुक्त से विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। केवल कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना का शिकार हुई। ट्रेन लगभग 128 किमी/घंटे की गति से चल रही थी।” उन्होंने आगे कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकराई हैं।
आने वाले समय में ‘कवच’ का करेंगे निर्यात
जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि ‘कवच’ भारत में बनाया गया सिस्टम है। आने वाले भविष्य में हम इसका निर्यात भी कर सकेंगे। ये रेल की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए हमने इसकी कड़ी टेस्टिंग की है। रेल मंत्री ने खुद ट्रेन में बैठ कर इसकी जांच की है। इस यंत्र को सभी लाइनों और ट्रेनों में लगाने में समय और पैसा लगेगा।
ओडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या हुई 275
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि कल रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है। कल रात DM और उनकी पूरी टीम ने एक-एक शव की जांच की। DM द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है। 1,175 घायलों में से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।