देश की सर्वोच्च अदालत ने टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क के बकाया भुगतान में राहत नहीं दी। इन सभी कंपनियों पर सरकार के 1.47 लाख रुपए बकाया होने का अनुमान है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर महीने में कहा था कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (Adjusted gross revenue) की गणना का टेलीकॉम विभाग का तरीका सही है। टेलीकॉम कंपनियों को इसी आधार पर सरकार को लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क चुकाना होगा। इस पर टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से अपने इस आदेश पर दोबारा विचार करने की अपील की थी। इस याचिका को गुरुवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया। एयरटेल(Airtel), वोडाफोन(Vodfone) और आइडिया(Idea) ने इस फैसले पर कहा है कि हम क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
इस मामले पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से टेलीकॉम सेक्टर संकट में आने वाला है। सरकार को एजीआर(AGR) मामले की समीक्षा करनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो छोटे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर बाजार में टिक नहीं पाएंगे।