हर चुनाव में मार खाने वाले अरविंद केजरीवाल पर फिर हमला, समझें सियासी नफा-नुकसान का गणित

सियासत भी बहुत दिलचस्प चीज है – कभी लाली के हाथों गाल लाल कराकर दिल्ली की कुर्सी पर काबिज़ होने वाले, बेचारे बने केजरीवाल को हर चुनाव से पहले अपने ऊपर हुए हमले से फायदा ही हुआ है . कहीं ये हमले खुद ही से तो नहीं कराये जा रहे, जानिए उनपर हुए हमलों की सारी फेहरिस्त. ……..

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल पर जब जब हमले हुए, उन्होंने और उनकी पार्टी ने संवेदना बटोरने की कोशिश की और कोई शक नहीं कि उन्हें इसका लाभ भी मिला है. अन्ना आंदोलन के बाद जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और केजरीवाल में गली मोहल्लों में भ्रमण करना शुरू किया, उसके बाद उनके ऊपर कई बार हमले हो चुके हैं.

दिल्ली में जैसे-जैसे मतदान के दिन नजदीक आ रहे हैं, घमासान गहराता जा रहा है. शनिवार शाम आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर पथराव का गंभीर आरोप लगाया. आप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बाबत एक वीडियो शेयर किया गया. जिसमें नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान कुछ लोग काले झंडे लहराते दिखे और केजरीवाल की गाड़ी के करीब पहुंच गए. वीडियो में दूसरी तरफ से एक पत्थर आता हुआ भी दिखा. हालांकि सुरक्षा कर्मचारियों ने फौरन हालात को काबू में कर लिया, लेकिन सियासी गलियारे में यह वाकया जितनी तेजी से फैला, उतनी तेज गति से इस पर आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी शरू हो गई.

पूरे मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से नई दिल्ली से बीजेपी प्रत्याशी परवेश वर्मा पर उंगली उठाई गई है. आप ने कहा कि हमला करने वाला परवेश वर्मा का समर्थक है.

वहीं, परवेश वर्मा ने यह आरोप लगाकर एक अलग ही सनसनी फैला दी कि केजरीवाल ने अपनी गाड़ी से तीन युवकों को टक्कर मार दी, जिसके बाद दोनों दलों के समर्थकों में झड़प हो गई. जाहिर है दोनों पक्षों के आरोपों की जांच के बाद ही मामले के सही तथ्य सामने आ सकते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों के दौरान अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने को लेकर कई खबरें सामने आ चुकी हैं. पिछले विधानसभा चुनावों के प्रचार-प्रसार के दौरान भी अरविंद केजरीवाल पर कई बार हमले हो चुके हैं.

खालिस्तानी आतंकी हमले का अलर्ट

पिछले विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल पर जब- जब हमले हुए, उल्टा उनकी पार्टी को लाभ ही मिला है. दो दिन पहले की ही बात है खुफिया एजेंसियों ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर खालिस्तानी आतंकी के हमले का अलर्ट जारी किया. गौरतलब है कि केजरीवाल को जेड प्लस की सिक्योरिटी दी गई है. इस तरह के इनपुट आने के बाद केजरीवाल का तुरंत बयान आया और कहा कि उन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं. हर हमले या हमले की आशंका के बाद केजरीवाल का साहसी और इमोशनल बयान उनके पक्ष में माहौल बनाता रहा है.

केजरीवाल पर कब-कब हुए हमले

महज दो महीने पहले की ही बात है. दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश एरिया में एक शख्स ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर पानी फेंक दिया था. उस व्यक्ति का इरादा केजरीवाल पर हमला करने का था. हालांकि वहां मौजूद केजरीवाल समर्थकों ने उस शख्स को पकड़ लिया और उसकी पिटाई भी कर दी. पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी खानपुर डिपो में काम करता है. इस घटना पर सीएम आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने तुरंत प्रतिक्रिया जताते हुए बीजेपी की बौखलाहट से जोड़ दिया. और लगे हाथ दिल्ली में कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिया.

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल पर जब जब हमले हुए, उन्होंने और उनकी पार्टी ने संवेदना बटोरने की कोशिश की और कोई शक नहीं कि उन्हें इसका लाभ भी मिला है. अन्ना आंदोलन के बाद जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और केजरीवाल में गली मोहल्लों में भ्रमण करना शुरू किया, उसके बाद उनके ऊपर कई बार हमले हो चुके हैं.

साल 2014 में 4 अप्रैल की तारीख को दक्षिण दिल्ली के दक्षिणपुरी इलाके में एक शख्स ने अरविंद केजरीवाल को पीठ पर हमला किया था. हालांकि बाद में पता चला कि वह पहले आप का ही कार्यकर्ता था. इसके महज 4 दिनों के बाद 8 अप्रैल को राजधानी के सुल्तानपुरी इलाके में एक ऑटो चालक ने केजरीवाल को थप्पड़ मार दिया था.

केजरीवाल इस समय चुनाव प्रचार पर निकले थे. मीडिया में ये मामला बहुत उछला. केजरीवाल बाद में उस ऑटो चालक के घर भी गए और उसे गुलदस्ता भेंट किया. बाद में उसका असर भी देखने को मिला. ऑटो चालक ने केजरीवाल से माफ़ी मांग ली. अपुष्ठ सूत्रों के हवाले से तो ये भी कहा गया की तत्कालीन बीजेपी विधायक के कहने पर ही लाली नामक ऑटो रिक्शा चालक ने वार किया था. मजेदार पहलु तो ये है की वही विधायक आज उसी सीट से आप की टिकट पर खड़ा है. है ना दिलचस्प राजनीती……

इसी साल 26 दिसंबर को केजरीवाल की रैली अंडे फेंके गए थे. संयोग ये देखिए कि इन घटनाओं के बाद साल 2015 में जब दिल्ली में विधानसभा का चुनाव हुआ तो आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. पार्टी को 70 में 67 सीटों पर जीत मिली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के इतिहास में यह रिकॉर्ड था.

दिल्ली में सफलतापूर्वक सरकार बनाने के बाद भी अरविंद केजरीवाल पर हमले बदस्तूर जारी रहे. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ऑड ईवेन लागू होने से केजरीवाल से कई लोग नाराज थे. नतीजा उन्हें विरोधों का सामना करना पड़ा था.

जनवरी 2016 में एक युवती ने उनके ऊपर स्याही फेंक दी. ऑड ईवेन को लेकर ही एक शख्स ने केजरीवाल पर सवाल जवाब के दौरान जूता उछाल दिया था. इसके बाद 20 नवंबर 2018 को सीएम केजरीवाल पर दिल्ली सचिवालय में ही एक शख्स ने मिर्च पाउडर फेंक दिया था. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया.

इन हमलों और विरोध का केजरीवाल की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ा. साल 2020 में जब दिल्ली विधानसभा का चुनाव हुआ, उसमें भी आम आदमी पार्टी को बंपर जीत मिली. कुल 70 सीटों में से आप को 63 सीटों पर विजयी मिली.

इन हमलों और विरोध का केजरीवाल की लोकप्रियता पर कोई असर नहीं पड़ा. साल 2020 में जब दिल्ली विधानसभा का चुनाव हुआ, उसमें भी आम आदमी पार्टी को बंपर जीत मिली. कुल 70 सीटों में से आप को 63 सीटों पर विजयी मिली.

दिल्ली से बाहर भी केजरीवाल पर हमले

ऐसा नहीं है कि अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया पर केवल दिल्ली में ही हमले का सामना करना पड़ा है. दिल्ली के बाहर भी केजरीवाल पर कई बार हमले हो चुके हैं.

आप के गठन से भी पहले 18 अक्टूबर 2011 को लखनऊ में अरविंद केजरीवाल सबसे पहला हमला हुआ था. साल 2013 में हरियाणा के भिवानी में एक शख्स ने केजरीवाल पर स्याही फेंकी थी तो वहीं अहमदाबाद में 5 मार्च 2014 को केजरीवाल की गाड़ी पर पत्थर फेंके गए.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी वाराणसी में उनके प्रचार के दौरान हमला हुआ था. केजरीवाल पर स्याही फेंकी गई थी. रैली में कुछ अज्ञात लोगों ने अंडे भी फेंके. अन्ना के एक समर्थक ने उनको थप्पड़ मारा. इसके अलावा 28 मार्च 2014 को हरियाणा में ही एक शख्स ने केजरीवाल को थप्पड़ मारा था.

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