UP में RSS और सरकार के बीच की बैठक क्यों हुई स्थगित? पढ़ें INSIDE STORY

संघ और सरकार के बीच प्रस्तावित बैठक के स्थगित होने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं. सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर 2 दिन की यह मीटिंग क्यों स्थगित कर दी गई? वो भी तब, जब यूपी की सियासत में बीजेपी की अंदरूनी खींचतान की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं.

लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और यूपी सरकार के बीच बैठक होनी थी, लेकिन इसे आखिरी वक्त में स्थगित कर दिया गया. संघ और सरकार के बीच प्रस्तावित बैठक के स्थगित होने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं. सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर 2 दिन की यह मीटिंग क्यों स्थगित कर दी गई?

वो भी तब, जब यूपी की सियासत में बीजेपी की अंदरूनी खींचतान की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं. इस स्टोरी में इन्हीं सवालों का जवाब विस्तार से जानते हैं…

क्या संघ और सरकार की बैठक प्रस्तावित थी?

सूत्रों के के हवाले से जो खबरें सामने आई थीं, उसमें कहा गया है कि 20 और 21 जुलाई संघ के सरकार्यवाह अरुण कुमार आरएसएस के कुछ पदाधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में सरकार और बीजेपी संगठन के लोग भी बुलाए गए थे. हालांकि, बाद में यह बैठक स्थगित कर दी गई.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अरुण कुमार का पद सहसरकार्यवाह का है. कुमार के जिम्मे बीजेपी और संघ से जुड़े अन्य संगठनों के बीच कॉर्डिनेशन का काम भी है. पहले ये पद कृष्ण गोपाल के पास था. यही वजह है कि अरुण कुमार के साथ सरकार और बीजेपी की बैठक प्रस्तावित थी.

बैठक में किन लोगों को बुलाया गया था?

संघ और सरकार की इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ-साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को बुलाया गया था. इन नामों के अलावा क्षेत्रीय स्तर के कुछ पदाधिकारी को भी बैठक में रहने का निर्देश दिया गया था. इस बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे.

फिर ये बैठक क्यों रद्द हो गई?

संघ और सरकार के बीच प्रस्तावित बैठक के रद्द होने के पीछे 3 कारण फिलहाल बताए जा रहे हैं. पहला कारण मीडिया में खबरों का आना है. संघ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आरएसएस नहीं चाहता है कि संघ और सरकार के बीच की खबरें मीडिया में चलें.

दूसरा कारण सरकार में मची अंदरूनी खींचतान है. संघ ये भी नहीं चाहता कि बैठक के बाद संदेश जाए कि संघ की वजह से यूपी का मामला शांत हो गया है. या ये संदेश जाए कि संघ इस नेता के पक्ष में है, इसलिए संघ फिलहाल अपने को तठस्थ बनाकर वेट एंड वाच की ही स्थिति में रहना चाहता है.

मीटिंग रद्द होने का जो तीसरा कारण है, वो ये है कि संघ नहीं चाहता कि लोगों में ये मैसेज जाए कि यूपी झगड़ा इतना बड़ा हो गया है कि आरएसएस को बीच में आना पड़ रहा है.

क्या भविष्य में ये मीटिंग हो सकती है?

संघ या बीजेपी की ओर से अब तक इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन जिस तरह से आज मीटिंग रद्द की खबरें सामने आई हैं, उससे अब मीटिंग की खबरें पब्लिक डोमेन में आए, ये मुश्किल लग रहा है.

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