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नीतीश सरकार से मिल गई मंजूरी,बिहार के सीमांचल को मिल गई वो सौगात जो सपनों को हकीकत में…

बिहार के सीमांचल क्षेत्र के लिए एक नई सुबह की शुरुआत हो चुकी है! मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना को बिहार मंत्रिपरिषद ने हरी झंडी दिखा दी. यह परियोजना अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार के लाखों लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. बाढ़ की त्रासदी और सूखे की मार से जूझते इस क्षेत्र में अब हर खेत तक पानी पहुंचेगा और फसलों की हरियाली लाएगी. 6282 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी योजना से 2.14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी, साथ ही बाढ़ प्रबंधन में भी क्रांतिकारी बदलाव आएगा. यह परियोजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि सीमांचल को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को एक महत्वाकांक्षी परियोजना कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना को मंत्रिपरिषद् से स्वीकृति दी गई. जिससे अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार के लाखों लोगों को सीधा लाभ होगा. कोसी-मेची लिंक परियोजना के कार्यान्वयन से 2 लाख 14 हजार 813 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. इनमें अररिया जिले के 69,642 हेक्टेयर, पूर्णिया जिले के 69,970 हेक्टेयर, किशनगंज जिले के 39,548 हेक्टेयर और कटिहार जिले के 35,653 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल हैं. इस महत्वाकांक्षी परियोजना से अररिया जिले के फारबिसगंज, कुर्साकांटा, सिकटी, पलासी, जोकीहाट और अररिया प्रखंड; पूर्णिया जिले के बैसा, अमौर और बायसी; किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, बहादुरगंज और कोचाधामन प्रखंड; कटिहार जिले के कदवा, डंडखोड़ा, प्राणपुर, मनिहारी और अमदाबाद प्रखंडों के किसान लाभान्वित होंगे.


हर प्रणाली में सिल्ट की मात्रा होगी नियंत्रित
जानकार कहते हैं कि इस परियोजना के पूरा होने पर सीमांचल क्षेत्र में विकास का एक नया युग प्रारंभ होगा. बता दें कि कोसी नदी के पानी के साथ अत्यधिक मात्रा में सिल्ट का प्रवाह होता है, जिससे वर्तमान में पूर्वी कोशी मुख्य नहर प्रणालियों में भी गाद भर जाता है. इस परियोजना के तहत मुख्य नहर के किमी 1.15 किमी से 2.66 किमी तक (लम्बाई 1.51 किमी) में पूर्व से निर्मित सेटलिंग बेसिन का आधुनिकीकरण का प्रावधान है, जिससे इस नहर प्रणाली में सिल्ट की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकेगा.


सीमांचल के लाखों लोगों के लिए बड़ी सौगात
कोसी-मेची अंतरराज्यीय नदी जोड़ परियोजना के माध्यम से कोसी नदी के अधिशेष जल को महानंदा बेसिन में पहुंचाकर जहां चार जिलों के बड़े क्षेत्र में सिंचाई सुविधा पहुंचाई जाएंगी. वहीं, कोसी नदी की बाढ़ का प्रभाव भी कम होगा. योजना के तहत पूर्वी कोसी मुख्य नहर के 0.00 किमी से 41.30 किमी तक वर्तमान जल संवहन क्षमता को 15 हजार क्यूसेक्स से बढ़ा कर 20 हजार क्यूसेक्स किया जाएगा. जबकि, मुख्य नहर का इसके अंतिम बिंदु यानी 41.30 किमी से 117.50 किमी तक विस्तार किया जाएगा.
नहर प्रणालियों का निर्माण कराया जाएगा

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