गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान करते हुए कहा कि भारत में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं दिया जाएगा. अवैध अप्रवासियों की समस्या पर अमित शाह ने कहा कि भारत की धरती पर एक भी अवैध अप्रवासी को रहने नहीं दिया जाएगा. अमित शाह गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद के 68वीं पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे. गृह मंत्री अमित शाह पूर्वोत्तर परिषद के चेयरमैन भी हैं. इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया तय समय में ही पूरी हुई है. अमित शाह ने कहा, “नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) पर कई लोगों ने कई तरह के सवाल उठाए हैं, मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि एक भी अवैध अप्रवासी को भारत सरकार देश में नहीं रहने देगी. ये हमारा वादा है.” 31 अगस्त को जारी एनआरसी पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि इसे शेड्यूल के मुताबिक पूरा किया गया है.
एनआरसी में नाम डलवाने के लिए 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 लोगों ने आवेदन दिया था. दस्तावेजों की जांच के बाद 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों के नाम इस सूची में आए. कुल मिलाकर 19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम एनआरसी से बाहर कर दिए गए हैं. असम सरकार ने कहा है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल के सामने अपनी नागरिकता साबित करने का मौका दिया जायेगा.
अमित शाह ने असम से संबंधित अनुच्छेद 371 पर भी चर्चा करते हुए कहा कि अनुच्छेद 371 संविधान की विशेष व्यवस्था है और बीजेपी सरकार इसका सम्मान करती है और इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने विकास को गति दी और आजादी के बाद बाकी देश के 70 साल के विकास की तुलना में उत्तर-पूर्व का 5 साल का विकास कहीं अधिक है और आज उत्तर-पूर्व विकास के लिए जाना जाता है.
गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर-पूर्व का विकास मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, और जो विकास यात्रा 2014 में शुरू हुई है, 2022 आते-आते पूर्णता को प्राप्त करेगी.अमित शाह ने कहा कि जो गांव विकास में पीछे हैं उन्हें साथ में शामिल करना होगा क्योंकि जब गांव विकसित होंगे, जिले विकसित होंगे तब राज्य विकसित होगा और तभी समग्र रूप से देश विकसित होगा.