महाप्रलय से सिर्फ 89 सेकंड दूर है दुनिया! तबाही के सबसे करीब पहुंचा डूम्सडे घड़ी का समय, इस कारण बढ़ा खतरा

Doomsday Clock: महाप्रलय की घड़ी को एक सेकंड आगे बढ़ाकर मध्यरात्रि से 89 सेकंड पर सेट कर दिया गया है. इंसानी सभ्यता के बिनाश के यह सबसे करीब है. परमाणु खतरे, जलवायु परिवर्तन, AI का गलत इस्तेमाल, और यूक्रेन व मध्य पूर्व में संघर्ष इसके मुख्य कारण हैं.

महाप्रलय की घड़ी में एक बार फिर समय बदला गया है. यह घड़ी दिखाती है कि इंसानी सभ्यता विनाश के कितने करीब है. इस घड़ी में एक सेकंड और बढ़ा दिया गया है. आधी रात से यह घड़ी 89 सेकंड बची है. यह अब तक का सबसे निकटतम समय है, जो खतरनाक स्थिति को दिखाता है. बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (BAS) के वैज्ञानिकों का पैनल हर साल इस घड़ी को सेट करता है. घड़ी सेट करने को लेकर BAS ने कहा कि परमाणु खतरे, बायोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गलत इस्तेमाल और जलवायु परिवर्तन इसके मुख्य कारण हैं.

BAS के वैज्ञानिक डैनियल होल्ज ने कहा कि यह कदम दुनिया के सभी नेताओं के लिए एक चेतावनी है. यह एक सांकेतिक घड़ी है जो दिखाती है कि दुनिया तबाही के कितने करीब जा रही है. सबसे पहली बार इस घड़ी को 1947 में मध्यरात्रि से 7 मिनट पर सेट किया गया था.

पिछले साल यह मध्यरात्रि 90 सेकंड पर थी. लेकिन इसे एक सेकंड और करीब ले आया गया है. BAS ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया पहले से ही विनाश की कगार पर है और इस घड़ी में एक सेकंड की बढ़ोतरी बेहद खतरनाक है. हर सेकंड की देरी वैश्विक तबाही की संभावना बढ़ा देती है.’

क्या है खतरा?

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि यूक्रेन में जारी युद्ध को तीन साल होने वाले हैं. किसी भी गलत फैसले, दुर्घटना या गलत अनुमान के कारण परमाणु युद्ध की स्थिति हो सकती है. इसके साथ ही मिडिल ईस्ट में संघर्ष किसी भी समय बड़े युद्ध में बदल सकता है. वैज्ञानिकों ने यह भी चेतावनी दी कि अभी जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वह अभी काफी नहीं हैं. वैज्ञानिकों के पैनल ने कहा कि ज्यादातर सरकारें ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रही हैं.

AI को भी बताया खतरा

BAS ने कहा कि नई और पुरानी बीमारियां दुनिया की अर्थव्यवस्था, समाज और सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं. BAS ने सबसे नया खतरा AI को बताया है. BAS का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीकों का गलत इस्तेमाल दुनिया को और भी खतरनाक बना रहा है. यूक्रेन और मिडिल ईस्ट में एआई का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है और कई देश अपनी सेनाओं में AI को जोड़ रहे हैं. वैज्ञानिकों ने जोर देकर फेक न्यूज, कॉन्सपिरेसी थ्योरी और गलत जानकारियों के शेयर होने को भी खतरा बताया.

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