UP Nikay Chunav 2023 Result: नगर निकाय चुनाव की मतगणना समाप्त होने के बाद अब लगभग सभी दल हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। खासकर भाजपा और सपा के कार्यालय में रविवार से ही मैराथन बैठकों का दौर शुरू होने की उम्मीद है।
भाजपा कार्यालय में समीक्षा के साथ खुशियां मनाए जाने का सिलसिला भी चलेगा, क्योंकि दो नगर पालिकाओं समेत चार निकायों में जीत हुई है। प्रत्याशियों को बुलाकर उनसे मिले वोटों का समीकरण समझा जाएगा। फिर विपक्षी को मिले मत देखकर अनुमान लगाया जाएगा कि अन्य छह निकायों में पराजय की वजह क्या है।
किस बस्ती से वोट नहीं मिल सके हैं। नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन भले ही अच्छा रहा लेकिन, पार्टी को जिले की छह सीटें गंवानी पड़ीं। सिर्फ चार सीटों पर ही कमल खिल सका। वहीं, सपा की साइकिल बड़ी संख्या में नौ सीटों पर पंक्चर हो गई। सपा सिर्फ एक सीट ही जीतने में कामयाब हो पाई।
उम्मीदवार ठीक ढंग से नहीं लड़े हैं या फिर कोई ऐसी वजह रही, जिससे जनता ने भरोसा नहीं जताया। टिकट बंटवारे के समय जिले से भेजे गए नामों के पैनल पर भी नजर डाली जा रही है। वहीं, भाजपा में भी कमोवेश ऐसा ही चल रहा है। दोनों दलों में एक बात जो सामान्य है, वह यह है कि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया जा रहा है।
पार्टीजनों को ही शक की निगाहों से देखा जा रहा है। किसी पर सीधे तौर पर हार का ठीकरा फोड़ा जा रहा है तो किसी के लिए कानाफूसी की जा रही है। सपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जिलाध्यक्ष दयाशंकर यादव को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाकर जीत का ईनाम दिया था। अब उन्हें ईनाम वापस लिए जाने का डर सताने लगा है।